दिल्ली अदालत ने सत्र न्यायालय को सौंपा Kanjhawala Case, 800 पन्नों की चार्जशीट तैयार

नए साल पर हुए कंझावला कांड (Kanjhawala case) ने पूरी दिल्ली का दिल दहला दिया था। अब इस मामले में एक नया अपडेट सामने आया है। दरअसल, मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने कंझावला केस की आगे की कार्यवाही के लिए सत्र न्यायालय को मामला सौंप दिया है। सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र का संज्ञान लेने के बाद मामला सत्र न्यायालय को सौंपा गया है। आपको बता दें कि रोहिणी कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने सत्र अदालत के समक्ष आगे की कार्यवाही के लिए मामला सुपुर्द किया।
जिला न्यायाधीश मामले में आगे की कार्यवाही करने के लिए मामले को एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को सौंपेंगे। अदालत ने 13 अप्रैल को इस मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर सात आरोपियों के खिलाफ 800 पन्नों की चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। आपको बता दें कि आरोपी को चार्जशीट की कॉपी भी दी गई।
आरोपी व्यक्ति दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को पुलिस ने 2 जनवरी को गिरफ्तार किया था। आपको बता दें कि अदालत ने पहले ही दो अन्य सह-आरोपी आशुतोष भारद्वाज और अंकुश को जमानत दे दी थी। साथ ही अमित खन्ना और भारद्वाज के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार केस दर्ज किया गया था।
Kanjhawala case में 800 पन्नों की चार्जशीट तैयार
चार्जशीट के अनुसार, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मित्तल पर हत्या का आरोप लगाया गया है। पुलिस उपायुक्त (बाहरी) हरेंद्र सिंह ने पहले कहा था, “जांच के दौरान, सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था और इसके पूरा होने पर लगभग 120 गवाहों के साथ लगभग 800 पन्नों की चार्जशीट तैयार की गई थी।” पुलिस ने कहा था, “जांच के दौरान जुटाई गई सामग्री और सबूतों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री रिकॉर्ड में आ गई है।”
अमित खन्ना पर दिल्ली पुलिस द्वारा लापरवाह ड्राइविंग और अपने जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालकर चोट पहुंचाने के अतिरिक्त अपराधों का आरोप लगाया गया है। प्रारंभ में, आईपीसी की धारा 279 और 304 के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में, पुलिस ने मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) जोड़ दी थी। 21 जनवरी को रोहिणी कोर्ट ने दीपक खन्ना की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।