Bilkis Bano Case: दोषियों की रिहाई पर टूटीं बिलकिस बानो, बोलीं- इन दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति छीन ली

Bilkis Bano
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Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो… वह महिला जब 28 फरवरी 2002 को जब गुजरात दंगा शुरू हुआ तो 5 महीने की गर्भवती बिलकिस बानो अपने परिवार के साथ एक खेत में जा छिपी थीं। इस दौरान बिलकिस के साथ उसके परिवार के 15 और लोग थे। 3 मार्च, 2002 को हाथ में लाठी डंडा और तलवार लिए 20-30 लोग वहां पहुंच गए। इन लोगों ने न सिर्फ बिलकिस के परिवार के 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी, बल्कि एक-एक कर कई लोगों ने बिलकिस के साथ रेप किया। अब सात सदस्यों की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई हो गई है।

दोषियों की रिहाई पर टूटीं बिलकिस बानो

दोषियों की रिहाई पर बिलकिस बानो (Bilkis Bano) और उनके पति ने निराशा जताई है। बिलकिस बानो ने कहा है कि 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई ने न्याय में उनके विश्वास को हिला कर रख दिया है और उन्हें स्तब्ध कर दिया है। बिलकिस बानो ने भावुक होते हुए कहा कि जब मैंने सुना कि 11 अपराधी जिन्होंने मेरे परिवार और मेरे जीवन को तबाह कर दिया और मेरी 3 साल की बेटी को मुझसे छीन लिया, वे आज मुक्त हो गए तो मैं पूरी तरह से निःशब्द हो गई। मैं अभी भी स्तब्ध हूं। आज मैं बस इतना ही कह सकती हूं – किसी भी महिला के लिए न्याय इस तरह कैसे खत्म हो सकता है?  

इन दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति छीन ली

Bilkis Bano ने कहा मुझे अपने देश की सर्वोच्च अदालतों पर भरोसा था। मुझे सिस्टम पर भरोसा था और मैं धीरे-धीरे अपने आघात के साथ जीना सीख रही थी। इन दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति छीन ली है और न्याय में मेरे विश्वास को हिला दिया है। मेरा दुख और मेरा डगमगाता विश्वास सिर्फ मेरे लिए नहीं बल्कि हर उस महिला के लिए है जो अदालतों में न्याय के लिए संघर्ष कर रही है। इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण निर्णय लेने से पहले किसी ने मेरी सुरक्षा और कुशलक्षेम के बारे में नहीं पूछा। मैं गुजरात सरकार से अपील करती हूं, कृपया इस नुकसान को पूर्ववत करें। मुझे बिना किसी डर के और शांति से जीने का मेरा अधिकार वापस दो।

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