
Bathinda : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार को अकाली नेताओं और किसान यूनियनों पर राज्य की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उन्हें अपने निजी स्वार्थों के लिए अफवाहें फैलाने से बाज आने की चेतावनी दी।
मुख्यमंत्री ने तथाकथित किसान यूनियनों पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान और यूनियन अलग-अलग हैं, क्योंकि ये लोग किसानों के हितों की रक्षा के नाम पर अपनी दुकानें चला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन यूनियनों के पदाधिकारियों ने अवैध तरीकों से बड़ी-बड़ी संपत्तियां अर्जित कर ली हैं, और कई होटलों व अस्पतालों में हिस्सेदारी भी ले रखी है। उन्होंने इन यूनियनों को चुनौती दी कि वे कृषि संकट से जुड़े मुद्दों पर उनके साथ लाइव चर्चा करें।
किसान यूनियनों पर सीएम मान का तीखा हमला
मुख्यमंत्री ने BBMB और हरियाणा द्वारा पंजाब का पानी छीने जाने के मुद्दे पर किसान यूनियनों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह राज्य से जुड़ा एक गंभीर मामला है, लेकिन किसान यूनियन ने इस पर एक भी बयान नहीं दिया। वहीं दूसरी ओर, ये यूनियन छोटे-मोटे मुद्दों पर सड़कों और रेलवे ट्रैक पर धरने देती हैं, जिससे साबित होता है कि उनका किसानों के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान यूनियनें किसानों से फीस लेकर उनके अधिकारों की रक्षा के नाम पर कारोबार कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बादल-मजीठिया परिवार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया आपस में बात तक नहीं कर रहे हैं। यह विवाद उनके कार्यकाल के दौरान अर्जित किए गए धन के बंटवारे को लेकर हुआ है, जिसने परिवार में दरार पैदा कर दी है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके इस खुलासे के बाद शायद परिवार फिर एकजुट हो जाए, लेकिन सच्चाई यह है कि इन नेताओं ने राज्य के हितों को अपने निजी लाभ के लिए नुकसान पहुंचाया है।
सीएम मान अकाली नेताओं पर लगाए आरोप
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अकाली नेता SGPC और श्री अकाल तख्त साहिब का राजनीतिक हितों के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अकाली धर्म का उपयोग भी अपने संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों को अकालियों द्वारा राजनीतिक फायदे के लिए तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है, ताकि लोगों को भ्रमित किया जा सके। भगवंत मान ने खुलासा किया कि अब पूर्व विधायक वीर्सा सिंह वल्टोहा को अकाली दल में दोबारा शामिल किया जाएगा और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दिया गया “फक्र-ए-कौम” का खिताब फिर से बहाल किया जाएगा।
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