AAP सांसद संजय सिंह ने पीएम मोदी को घेरा, ईडी को बताया एक्सटॉर्शन डिपार्टमेंट

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते दिखे हैं। उन्होंने आज यानी मंगलवार (29 अगस्त) को एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली के पूर्व उपमुख्य्मंत्री मनीष सिसोदिया पर चल रहे शराब नीति घोटाले जिक्र किया।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि पिछले एक साल से ईडी और सीबीआई द्वारा तथाकथित शराब घोटाले की जांच की जा रही है। यह पूरी तरह से एक मनगढ़ंत घोटाला है। इसमें कोई घोटाला ही नहीं हुआ है, फिर भी जांच चल रही है। इस मामले में ईडी बार-बार अपना बयान भी बदल रही है। कभी 100 करोड़ रुपए का घोटाला बताती है तो कभी एक हजार करोड़ का बताती है। आम आदमी पार्टी ने कई बार ईडी के असल चेहरे को बेनकाब भी किया है। ईडी ने चंदन रेड्डी को मारपीट कर, उसके कान के पर्दे फाड़ कर उसका बयान लिया गया। एक व्यक्ति को ईडी ने धमकाया कि तुम्हारी बेटी कॉलेज कैसे जाएगी? ईडी ने सारे मोबाइल फोन अपने पास रखकर झूठ बोला कि मनीष सिसोदिया ने फोन तोड़ दिया। ईडी ने फर्जी तरह से मेरा नाम चार्जशीट में शामिल कर लिया और जब मैंने ईडी को नोटिस दिया तो बोली की गलती हो गई।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि मोदी जी ने महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, पंजाब समेत पूरे देश में विधायकों को तोड़ने के लिए एक्सटार्शन डिपार्टमेंट ईडी बना रखा है। मोदी जी ने ईडी को पूरे देश में गुंडागर्दी का लाइसेंस दे रखा है। सर्वोच्च न्यायलय से अनुरोध है कि ईडी डिपार्टमेंट को बंद किया जाए। इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। यह सिर्फ भाजपा के गुंडागर्दी का विंग है। भाजपा का ईडी एक्सटार्शन डिपोर्टमेंट है। ईडी घोटाले की जांच में घोटाला कर रही है। ईडी के अधिकारी ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वो देख रहे हैं कि मोदी जी उसके जरिए महाराष्ट्र में विधायक पकड़वाते हैं। फिर उन विधायकों को धमकवाते हैं और केस करवाते हैं। फिर विधायकों को 50 खोखा दे देते हैं। विधायक 50 खोखा लेकर सरकार के साथ शामिल हो जाते हैं और ईडी के अधिकारियों को कुछ नहीं मिलता है। इस तरह भारतीय खोखा पार्टी ने खोखा अधिकारी तैयार किया है। इसी के चलते ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर ने तथाकथित दिल्ली शराब घोटाले के मामले में एक आरोपी को बचाने के नाम पर पांच खोखा लिया। ईडी द्वारा वसूली गई एक्सटार्शन की रकम में से कुछ हिस्सा भाजपा के पास भी पहुंचता है। इसमें ईडी के किन-किन अधिकारियों का हिस्सा है। इसकी भी जांच की जानी चाहिए। ईडी डिपार्टमेंट को तत्काल बंद किया जाना चाहिए। देश में यह खतरनाक डिपार्टमेंट पैदा हो गया है। जिसको गुंडागर्दी और एक्सटार्शन करने का सरकारी लाइसेंस मिला है।
ईडी का असिस्टेंट डायरेक्टर सात लोगों के साथ तथाकथित शराब घोटाला मामले में एक आरोपी को बचाने के लिए उसके पिता से पांच करोड़ रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया है। इस मामले से जुड़े सीए के पास से 2.14 करोड़ कैश के साथ ही 1.90 करोड़ रुपए की ज्वैलरी भी बरामद हुई है। मंगलवार को ‘‘आप’’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि तथाकथित शराब घोटाला पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं, फिर भी पिछले एक साल से इसकी जांच चल रही है। दरअसल, पीएम मोदी ने गैर भाजपा शासित राज्यों में विधायकों को तोड़ने और घोटाले में घोटाला करने के लिए ही ईडी डिपार्टमेंट बनाया है। उन्होंने मांग की कि इसमें किन-किन अधिकारियों का हिस्सा है, इसकी जांच की जाए। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले का संज्ञान लेने और ईडी डिपार्टमेंट को बंद करने की अपील की है।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि तथाकथित शराब घोटाले की जांच को कूड़ेदान में डाल देना चाहिए। धन उगाही का काम कर रहे ईडी के सभी अधिकारियों को पकड़कर जेल में डालना चाहिए। यह बहुत ही शर्म की बात है कि मोदी जी ने ऐसी संस्था बना दी है, जो पूरे देश में विधायकों को तोड़ने-खरीदने, उगाही करने, भ्रष्टाचार करने का काम कर रही है। सर्वोच्च न्यायलय इस घटना का संज्ञान ले। जो भ्रष्टाचारी मोदी वाशिंग पाउडर से धुल गया, उस पर कार्रवाई नहीं होगी। हिमंता विश्व शरमा, सुभेंदु अधिकारी, मुकुल राय, अजीत पवार, छगन भुजबल, हसन मुसरिफ, येदुरप्पा, रेड्डी ब्रदर्स पर कार्रवाई नहीं होगी। पूरे देश को दिख रहा है कि ईडी सिर्फ गुंडादर्गी और धन उगाही करने के लिए ही बनी है। क्या धन उगाही करने के लिए लोगों के टैक्स के पैसे से इनको तनख्वाह दी जाती है।