UP News : कानून की पकड़ कितनी दूर तक जाती है, इसका उदाहरण देखना हो तो आप भारत के प्रवर्तन निदेशालय की उस कार्रवाई को देख सकते हैं, जिसके तहत लंदन में बैठे मौलाना शम्सुल हुदा खान पर मनी लॉन्ड्रिंग समेत कई केस दर्ज किए गए हैं. लंदन में रह रहा शम्सुल हुदा खान एक इस्लामि धर्म प्रचारक है, जिस पर ईडी ने कड़ा शिकंजा कस दिया है. मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने अपनी जांच और तेज कर दी है. ईडी ने यह कार्रवाई यूपी एटीएस की FIR के आधार पर की है.
मौलाना शम्सुल हुदा खान को साल 1984 में एक सरकारी सहायता प्राप्त मदरसे में सहायक शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया था. आरोप है कि 2013 में ब्रिटिश नागरिकता हासिल करने के बाद भी वह 2017 तक भारत से वेतन लेता रहा, जबकि न वह भारत में रहता था और न पढ़ाई का कोई काम करता था. वहीं, जांच एजेंसियों का कहना है कि पिछले लगभग 20 वर्षों में उसने कई विदेशी देशों की यात्राएं कीं. इसी दौरान भारत में खोले गए 7 से 8 बैंक खातों के जरिए उसे करोड़ों रुपये की रकम मिली. इसके अलावा, उसके नाम पर 12 से अधिक संपत्तियां हैं, जिनकी कुल कीमत 30 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है.
कट्टर विचारधारा और फंडिंग के आरोप
ईडी के मुताबकि, शम्सुल हुदा खान पर धार्मिक शिक्षा की आड़ में कट्टर विचारधारा फैलाने और अवैध फंडिंग का आरोप है. वह उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले का रहने वाला है और अपने एनजीओ रजा फाउंडेशन व निजी खातों से कई मदरसों को फंड देता रहा. उसने आजमगढ़ और संत कबीर नगर में दो मदरसे भी खोले थे, जिन्हें बाद में मान्यता रद्द कर दी गई. जांच एजेंसियां अब उसके विदेशी संपर्कों की भी जांच कर रही हैं, खासकर यूके में संभावित कट्टरपंथी संगठनों से संबंध.
पाकिस्तान से जुड़े लिंक की जांच
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शम्सुल हुदा खान के लिंक पाकिस्तान से भी जुड़े हुए हैं. कई बार इस मौलाना के पाकिस्तान जाने के भी साक्ष्य मिले हैं. एजेंसियां पाकिस्तान स्थित चरमपंथी संगठनों से उसके संपर्कों की जांच की जा रही है. एजेंसी ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद आगे कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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