
New Delhi : हाल ही में दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को ऐसे सबूत मिले हैं, जो बताते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी उमर मोहम्मद एक ‘शू बॉम्बर’ हो सकता है।
जूतों से मिले TATP के निशान
जांच में कार की ड्राइविंग सीट के नीचे एक जूता पाया गया। उस जूते से TATP (ट्राइ-एसीटोन ट्राइ-पेरोक्साइड) के ट्रेस मिले हैं, जो आतंकवादी हमलों में इस्तेमाल होने वाला विस्फोटक है। TATP को “शैतान की मां” के नाम से भी जाना जाता है। सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी बड़े हमलों के लिए भारी मात्रा में TATP इकट्ठा कर रहे थे।
2001 वाला पैटर्न अपनाया
जांच में सामने आया है कि उमर ने वही पैटर्न अपनाया जो दिसंबर 2001 में अमेरिका एयरलाइंस की फ्लाइट पर हुए शू बॉम्बिंग प्रयास में देखा गया था। उस समय रिचर्ड रीड नाम के आतंकी ने TATP भरे जूतों से हमला करने की कोशिश की थी।
उमर की धमाका योजना
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि उमर मोहम्मद भी उसी तरह ‘शू बॉम्बर’ बनकर धमाका करने का प्रयास कर रहा था। हालांकि, एजेंसियों को समय रहते महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे, जो जांच में मददगार साबित होंगे और आतंकी मॉड्यूल के अन्य सदस्यों की पहचान करने में सहायक होंगे।
जांच अभी जारी है, लेकिन इस खुलासे से यह स्पष्ट होता है कि जैश-ए-मोहम्मद की योजना में पेशेवर और सटीक तरीके से आत्मघाती हमले शामिल थे। सुरक्षा एजेंसियां उमर और उसके नेटवर्क को पकड़ने और अन्य संभावित हमलों को रोकने के लिए काम कर रही हैं।
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