
Delhi : आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में हुए करोड़ों रुपए के तिरंगा खरीद घोटाले को लेकर भाजपा की देशभक्ति पर सवाल खड़ा किया है. ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि रेखा गुप्ता सरकार द्वारा दिल्ली में तिरंगा झंडा खरीद में घोटाला करने के बाद अब भाजपा के फर्जी राष्ट्रभक्ति की पोल खुल चुकी है.
उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान के तहत भाजपा सरकार ने 4 करोड़ रुपए के 7 लाख तिरंगे बांटने थे, लेकिन उसने टेंडर में तय साइज से छोटा तिरंगा लोगों में बांट दिया. सिर्फ इतना ही नहीं, तिरंगे को 15 अगस्त से पहले हर घर तक पहुंचाना था, लेकिन सरकार ने टेंडर ही 16 अगस्त को खोला और टेंडर खुलने से पहले ही कंपनी ने 60 रुपए के झंडे की जगह 15 रुपए वाला झंडा भाजपा सरकार को सप्लाई कर दिया.
‘घोटालेबाजों पर तो देशद्रोह का मुक़दमा चलना चाहिए’
संजय सिंह ने कहा कि तिरंगा झंडा में घोटाला कर भाजपा ने देश के लाखों शहीदों का अपमान किया है. इस घोटाले की की गहन जांच कर जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए. उधर, वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी तिरंगा घोटाला को लेकर भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि तिरंगे पर राजनीति, तिरंगे पर व्यापार और अब तिरंगे पर घोटाला. ऐसे घोटालेबाज़ों पर तो देशद्रोह का मुक़दमा चलना चाहिए.
मंगलवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर सांसद संजय सिंह ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली, राष्ट्रवाद का ढिंढोरा पीटने वाली और राष्ट्र भक्ति व देशभक्ति पर दूसरे दलों के नेताओं को रोज अपमानित करने वाली भाजपा का एक ऐसा घोटाला सामने आया है, जिसे सुनकर पूरा देश हैरान हो जाएगा. आखिर कोई पार्टी भाजपा की आन-बान और शान तिरंगे झंडे की खरीद में कैसे घोटाला कर सकती है? भाजपा ने तिरंग झंडा खरीदने में भी घोटाला कर दिया. ऐसा घोटाला देश की जनता ने कभी नहीं सुना होगा. लेकिन यह घोटाला सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली की भाजपा सरकार ने किया. रेखा गुप्ता सरकार ने भारत की आन, बान और शान तिरंगा झंडा खरीदने में घोटाला किया है.
भाजपा सरकार ने तिरंगे के नाम पर झंडे-डंडे में कर दिया घोटाला
संजय सिंह ने मीडिया को दस्तावेजी सबूत दिखाते हुए कहा कि हर घर तिरंगा योजना के तहत दिल्ली की भाजपा सरकार को 7 लाख तिरंगा झंडा बांटना था, जिसकी कुल कीमत 4 करोड़ रुपए था. तिरंगा झंडे की साइज 900 मिलीमीटर गुणा 1350 मिलीमीटर थी. तिरंगे झंडे को 6 फीट के डंडे के साथ सरकार को सप्लाई करना था. कंपनी को 900 मिलीमीटर चौड़ा और 1350 मिलीमीटर लंबा झंडा 6 फीट के डंडे के साथ सप्लाई करना था, लेकिन ढोंगी देशभक्तों की पार्टी भाजपा ने झंडे और डंडे में भी घोटाला कर लिया, लेकिन झंडे की निर्धारित साइज को घटाकर 711 मिलीमीटर लंबा और 508 मिलीमीटर चौड़ा कर दिया और डंडे की साइट 6 फीस से घटाकर 4 फीट कर दिया. भाजपा सरकार ने तिरंगे के नाम पर झंडे-डंडे में घोटाला कर दिया.
संजय सिंह ने कहा कि इस घोटाले में एक और आशचर्य जनक बात हुई. घर-घर तिरंगा पहुंचाने का कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस के पहले का है. ऐसे में 15 अगस्त से पहले हर घर में तिरंगा पहुंचना चाहिए, लेकिन तिरंगे का टेंडर 16 अगस्त को किया गया. जबकि 16 अगस्त का राष्ट्रीय पर्व था. इन बेइमानों ने तो भाजपा की पूरे देश में नाक कटा दी. जिन-जिन भाजपा के लोगों ने उस तिरंगे झंडे को अपने हाथ में लिया होगा, शहीद-ए-आजम भगत सिंह, शहीद असफाक उल्ला, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शहीद चंद्रशेखर आजाद समेत हिन्दुस्तान के तमाम क्रांतिकारी वीर सपूतों की आत्मा रोई होगी कि एक ऐसी पार्टी देश में राज कर रही है, जिस तिरंगे के लिए हमने अपने प्राणों की आहुति दे दी, आज उस तिरंगे में भी घोटाला कर रही है. निश्चित तौर पर भाजपा सरकार के इस घोटाले से हमारे क्रांतिकारियों की आत्मा को चोट पहुंची होगी.
एक झंडे की कीमत रखी गई थी 60 रुपए
संजय सिंह ने कहा कि तिरंगे की सप्लाई करने को लेकर जारी टेंडर में तीन कंपनियों ने भाग लिया. अनिरत कांट्रैक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, स्पेश फॉर बिजनेस सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और विनायक प्रोडक्ट कंपनी ने टेंडर में भाग लिया. तिरंगे डंडे का टेंडर 4 करोड़ रुपए का था और बिना टेंडर खोले अनिरत कांट्रैक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड से कमीशन लेकर उसको तिरंगे झंडे की सप्लाई का ऑर्डर दे दिया गया. एक झंडे की कीमत 60 रुपए रखी गई थी, लेकिन कंपनी ने 60 रुपए की जगह 15 रुपए का झंडा दिल्ली की भाजपा सरकार को दे दिया, लेकिन इन बेइमानों को कोई फर्क नहीं पड़ा. आश्चर्य की बात यह है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस था, लेकिन टेंडर 16 अगस्त को खोला गया.
संजय सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा और सीएम रेखा गुप्ता से पूछा कि क्या आप लोगों में कोई भी शर्म नहीं बची है. रोज तमाम चीजों में घोटाला तो करते ही हैं, कम से कम भारत की आन, बान और शान राष्ट्रीय तिरंगे को तो बक्श देते. कम से कम हमारे शहीदों की आत्माओं को तो बक्श देते. कम से कम स्वतंत्रता दिवस पर याद किए जाने वाले वीर सपूतों की याद में एक सही कार्यक्रम कर लेते. तिरंगा झंडा की खरीद में भी चोरी, बेइमानी और भ्रष्टाचार कर रहे हैं, इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है? झंडा खरीद की गहनता से जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डालना चाहिए.
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