
Delhi : आम आदमी पार्टी ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में एमसीडी कर्मचारियों को जबरदस्ती भेजने पर भाजपा पर तीखा हमला बोला। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता व विधायक संजीव झा ने कहा कि मोदी जी की रैली में दिल्ली के लोग नहीं गए तो भाजपा ने एमसीडी के कर्मचारियों को जबरदस्ती भेजा। एमसीडी कर्मचारियों को पीएम की रैली में जाने का लिखित और मौखित आदेश जारी करना बताता है कि दिल्लीवाले भाजपा से खुश नहीं है।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को विदेश भेजकर ट्रेनिंग दिलवाई और भाजपा रैलियों में भेजकर उनसे ताली बजवा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार जनता के वोट से नहीं बनी है, बल्कि वोट चोरी से बनी है। इसलिए दिल्लीवाले बहुत नाराज व गुस्से में हैं। भाजपा महिलाओं को 2500 रुपए व बस मार्शलों को नौकरी दे देती और झुग्गियां नहीं तोड़ती, तो खुशी से लोग रैली में जाते।
रविवार को “आप” मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर विधायक संजीव झा ने कहा कि शनिवार को जन्माष्टमी के दिन दिल्ली सरकार और एमसीडी के सभी कर्मचारियों को आदेश आया कि प्रधानमंत्री की रैली में सबको शामिल होना है। कुछ विभागों को लिखित, तो कुछ को मौखिक आदेश दिया गया। यह आदेश दर्शाता है कि दिल्ली की जनता भाजपा से बहुत नाराज है। लोग भाजपा की सरकार से इतने नाराज हैं कि प्रधानमंत्री की रैली में जाना नहीं चाहते। इसलिए सरकारी कर्मचारियों व सफाई कर्मचारियों को इस रैली में बुलाने का आदेश जारी हुआ। यह आदेश नहीं, बल्कि धमकी दी गई है कि अगर रैली में नहीं आए, तो सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
संजीव झा ने बताया कि मेरे पास एक शिक्षक का फोन आया। टीचर ने मुझसे कहा कि यह आदेश प्रधानमंत्री की रैली में जाने का है। एक तरफ प्रधानमंत्री ने न्यू पेंशन स्कीम लाकर मेरी पूरी जिंदगी की सुरक्षा छीन ली। दूसरी तरफ ये कह रहे हैं कि मेरी रैली में आओ। हम एक तरफ ओल्ड पेंशन स्कीम की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसे नरेंद्र मोदी जी मानने को तैयार नहीं हैं और हमें कहा जा रहा है कि रैली में आकर रोड शो के दौरान सड़क किनारे खड़े होकर ताली बजाओ।
उन्होंने कहा कि छह महीने की भाजपा सरकार में दिल्ली के लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। लोग आपस में बात कर रहे हैं। सबको लगता है कि मैंने तो वोट नहीं किया। लोग एक-दूसरे को कोस रहे हैं कि तुमने वोट किया, तभी ये जीत गए। यह बिल्कुल साफ है कि दिल्ली में सरकार लोगों के वोट से नहीं, वोटों की चोरी से बनी है। इसलिए अब लोग नाराज और गुस्से में हैं।
संजीव झा ने कहा कि प्रधानमंत्री दिल्ली आए और बड़े-बड़े वादे किए। प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर भाजपा की सरकार बनी, तो हर महिला को 2500 रुपये मिलेंगे। कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में यह तय हो जाएगा और 8 मार्च को पैसे आ जाएंगे। अगर प्रधानमंत्री ने 2500 रुपये का वादा पूरा किया होता, तो महिलाएं खुद बसें भरकर जातीं और कहतीं कि धन्यवाद मोदी जी, आपने वादा पूरा किया। फिर प्रधानमंत्री ने कहा था कि एक भी झुग्गी नहीं टूटेगी। जहां झुग्गी, वहीं, मकान देंगे। अगर झुग्गियां नहीं टूटी होतीं, सबको मकान मिल गया होता, तो झुग्गीवाले बसें भरकर जाते और तालियां भी बजाते।
संजीव झा ने कहा कि दिल्ली के सिविल डिफेंस को आम आदमी पार्टी की सरकार ने नौकरी दी थी और भाजपा के एलजी ने उनकी नौकरी छीन ली। भाजपा ने कहा कि सरकार बनने के 60 दिन में नौकरी मिल जाएगी। करीब 20 से 25 हजार सिविल डिफेंस स्वयंसेवक हैं। अगर उन्हें नौकरी दे दी होती, तो वे बसें भरकर जाते। मोहल्ला क्लीनिक में भी भाजपा सरकार ने डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, ब्लड टेक्नीशियन की नौकरियां छीन लीं। अगर उनकी नौकरियां बहाल की होतीं, नौकरी से न निकाला होता, तो वे कहते कि धन्यवाद मोदी जी, मेरी नौकरी बहाल हो गई। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि हर होली में मुफ्त और आम दिनों में 500 रुपये का सिलेंडर मिलेगा। अगर दिल्ली सरकार ने यह दे दिया होता, तो लोग खुद बसें भरकर जाते।
संजीव झा ने कहा कि आज दिल्ली के लोग नाराज हैं और भाजपा से नफरत कर रहे हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री की रैली में लोगों ने जाने से साफ इंकार कर दिया है। जब लोगों ने इंकार कर दिया, तो छुट्टी के दिन (रविवार) को इन कर्मचारियों को बसों में भरकर जबरदस्ती रैली में ले जाया जा रहा है। जन्माष्टमी के दिन महिलाएं व्रत में थीं। आज कई महिला सफाई कर्मचारी कह रही थी कि हमने सुबह 3-4 बजे व्रत खोला और सुबह 7 बजे आदेश है कि सबको अपने ठिकाने पर जाना है। फिर वहां तय होगा कि किसे कहां खड़ा होना है।
‘रैली में जाओ और ताली बजाओ’
संजीव झा ने सवाल किया कि ये कैसा आदेश है? यह किस तरह का अहंकार है? एक तरफ अरविंद केजरीवाल की सरकार ने शिक्षकों को विदेश भेजकर ट्रेनिंग दी थी, ताकि सरकारी स्कूलों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। दूसरी तरफ भाजपा की सरकार कह रही है कि रैली में जाओ और ताली बजाओ, जो शिक्षक बच्चों को भविष्य देने का काम कर रहे हैं, उनको ये लोग लाइन में खड़ा करके ताली बजवा रहे हैं?
संजीव झा ने कहा कि जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने लिखित आदेश दिया था कि हमारे शिक्षक स्कूल में पढ़ाने के अलावा कोई और काम नहीं करेंगे। इसके बाद 12 साल तक शिक्षकों को जनगणना या अन्य कामों में नहीं लगाया गया। जैसे ही सरकार बदली, अब भाजपा टीचरों को रैली में भेजकर उनसे ताली बजवा रही है। जिनसे वे नफरत करते हैं, उनके लिए ताली बजानी है। जिन अफसरों ने यह आदेश निकाला है, वो भी उतने ही दोषी हैं, जितने भाजपा सरकार के मंत्री और राजनीतिक नेता हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों की भी कोई जिम्मेदारी है। इसलिए वह कोई बेतुका आदेश कैसे जारी करने के लिए कह सकते हैं? अगर बेतुके आदेश जारी कर रहे हैं, तो वह उसे क्यों मान रहे हैं?
संजीव झा ने कहा कि समय सबका हिसाब-किताब बराबर करेगा। वोट की चोरी से सरकार तो बना सकते हो, लेकिन दिल्ली की जनता का दिल नहीं जीत सकते। इसलिए आम आदमी पार्टी भाजपा से कहना चाहती है कि लोगों का दिल जीतो। भाजपा ने दिल्ली की जनता से बहुत सारे लोक-लुभावने वादे किए थे। सरकारी संसाधनों और सरकारी विभागों का इस तरह दुरुपयोग न करो। यह अत्यंत शर्मनाक है। “आप” इसकी कड़ी निंदा करती है।
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