
Delhi : आम आदमी पार्टी ने भाजपा और चुनाव आयोग द्वारा मिलीभगत करके चुनाव प्रक्रिया में की जा रही धोखाधड़ी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया है। ‘‘आप’’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग की ‘वोट चोरी’ करने की बड़ी वजह कांग्रेस की खामोशी है। जब आम आदमी पार्टी ने भाजपा और चुनाव आयोग की मिलभगत से दिल्ली में वोट काटे जाने, गुजरात में हमारे प्रत्याशी को हाउस अरेस्ट करने और चंडीगढ़ में अनिल मसीह द्वारा खुलेआम वोटों से छेड़छाड़ करने का मुद्दा उठाया गया तो कांग्रेस चुप रही।
कांग्रेस महाराष्ट्र-कर्नाटक की बात तो कर रही है, लेकिन दिल्ली में ‘वोट चोरी’ का जिक्र नहीं करती। यह उसका दोहरापन दिखाता है। कांग्रेस की इसी खामोशी के चलते बिहार में एसआईआर के जरिए असली वोटर के नाम काटे जा रहे और नकली वोटर जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर कांग्रेस की तरह बर्ताव न करते हुए भाजपा और चुनाव आयोग की ‘वोट चोरी’ के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं।
मंगलवार को ‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि आज जिस चुनाव प्रक्रिया में धोखाधड़ी हुई है, उसमें कांग्रेस का भी बहुत बड़ा हाथ है। कांग्रेस तब चुप रही, जब आम आदमी पार्टी ने बताया कि गुजरात में हमारे प्रत्याशी को हाउस अरेस्ट कर पोलिंग बूथ तक जाने की अनुमति नहीं दी गई। कांग्रेस उस समय भी चुप रही, जब ‘‘आप’’ ने बताया कि कैसे चंड़ीगढ़ मेयर चुनाव में अनिल मसीह द्वारा वोट में छेड़छाड़ की गई। कांग्रेस तब भी कुछ नहीं बोली, जब ‘‘आप’’ ने दिल्ली में भाजपा के फर्जी वोट जोड़ने और हटाने का खुलासा किया।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि चार महीने तक ‘‘आप’’ नेताओं ने लगातार प्रेसवार्ता कर बताया कि कैसे भाजपा कार्यकर्ता विशाल भारद्वाज शहादरा विधानसभा में नाम काटने के 11018 याचिका डालता है। हमने बताया कि दिल्ली की 14 विधानसभाओं में भाजपा ने वोट काटने का आवेदन किया। हमने चुनाव आयोग में तीन हजार पन्ने की याचिका डाली, जिसमें सारे सबूत लगाए और हलफनामा लगाया। इस पर आजतक चुनाव आयोग खामोश है और कांग्रेस तब भी भाजपा का साथ देना बेहतर समझी और चुप रही।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि इन सब के बावजूद आज हर देशभक्त को साथ आना होगा। क्योंकि इसी चुप्पी की वजह से भाजपा की इतनी हिम्मत हो रही है कि उसने अब बिहार में एसआईआर के नाम पर बिहार में नकली वोटर जोड़ने और असली वोटर के नाम काटने का एक कानूनी तरीका निकाल ली है। बिहार में एसआईआर प्रक्रिया लागू की गई। बिहार के 38 में 28 जिले बाढ़ प्रभावित हैं, ऐसे जिलों में मानसून के दौरान डेढ़ महीने के अंदर ही बूथ लेवल ऑफिसर वहां पहुंच कर फार्म एकत्र कर लेता है। बिहार में साक्षरता दर सबसे कम है, बिहार के एक करोड़ लोग बिहार से बाहर रहते हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय है और 40 फीसद लोग देहात में रहते हैं। ऐसे में एक बीएलओ जाकर उनकी नागरिकता जांच लेता है। जबकि नागरिकता जांचने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास है। सिर्फ केंद्र सरकार ही किसी को नागरिकता दे सकताी है या ले सकती है।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि चुनाव आयोग 8 अगस्त को प्रेसवार्ता कर बताया है कि 65 लाख लोगों के नाम काटे गए हैं। इनमें से 22 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 32 लाख लोगों का पता नहीं है और 7 लाख लोगों के डबल वोट हैं। लेकिन चुनाव आयोग यही बात 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में कहने से मना कर देता है। चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट को बताने से इन्कार कर देता है कि जिन 65 लाख लोगों के नाम काटे गए, वो कौन थे और किस वजह से नाम काटे गए? यह चुनाव की निष्ठा पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है।
सरकारें आती-जाती रहेंगी, लेकिन चुनाव आयोग को पार्टी पॉलिटिक्स से उपर उठकर निष्पक्षता से अपने उद्देश्य पर चलना होगा। ताकि कोई भी मतदाता अपने वोट के अधिकार से वंचित न रह जाए। आखिर चुनाव आयोग 65 लाख लोगों के नाम दिखाने से क्यों कतरा रहा है।
वेबसाइट पर बिहार का डिजिटल डाटा उपलब्ध नहीं
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा वेबसाइट पर डाला गया डिजिटल डाटा हटा लिया गया है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उत्तर प्रदेश और बिहार का डिजिटल डाटा उपलब्ध नहीं है। चुनाव आयोग ने डिजिटल डाटा की जगह स्कैन कॉपी डाल दी है, ताकि कम्प्यूटर उसको पढ़ न सके और चुनाव आयोग की धांधलेबाजी न पकड़ी जा सके। इसके अलावा कुछ रिपोर्टर ने हिम्मत दिखाई और उनकी रिपोर्ट चौकाने वाली है।
उन्होंने कहा कि प्रियंका कक्कड़ ने बिहार के बाल्मिकी नगर की रिपोर्ट दिखाते हुए कहा कि यहां पर 5 हजार नकली वोटर बना दिए हैं, जिनका उत्तर प्रदेश वोटर आईकार्ड है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग ने जिन 65 लाख लोगों के नाम काटे गए हैं, उनके नाम दिखाने से मना कर दिया, लेकिन बिहार में डॉग बाबू, कैट कुमार, डोनॉल्ड ट्रम्प, पीके कुमार के वोट बना दिए गए। पीके कुमार के श्राद्ध में मंत्री गिरिराज सिंह खुद गए थे, उनका भी नाम वोटर लिस्ट में है। यह किस तरह की एसआईआर चल नही है?
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि चार महीने प्रेसवार्ता कर आम आदमी पार्टी ने बताया कि दिल्ली में भाजपा वोट चोरी का प्रयास कर रही है और इसमें सफल भी हुई। क्योंकि हमारे उठाए गए सवालों पर अभी तक चुनाव आयोग चुप है। चुनाव आयोग से अभी तक कोई जवाब नहीं आने का सीधा मतलब निकलता है कि ‘‘आप’’ की शिकायत सही थी और चुनाव आयोग के पास कोई जवाब नहीं है। क्योंकि हमने चुनाव आयोग को धांधली करते पकड़ लिया।
‘वोट भाजपा को पड़े और कोई विपक्ष न रहे‘
उन्होंने कहा कि भाजपा ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर वोट चोरी का एक नया वैध तरीका निकाला है। जिस तरह से काले धन को सफेद कर भाजपा की जेब तक पहुंचाने का इलेक्टोरल बॉन्ड एक वैध तरीका था, उसी तरह भाजपा ने वोट चोरी का वैध तरीका निकाला है ताकि सारे वोट भाजपा को पड़े और कोई विपक्ष न रहे। उन्होंने कहा कि हमारा देश बहुत संकट से गुजर रहा है। आम आदमी पार्टी की सभी देश वासियों से निवेदन है कि पार्टी की राजनीति से ऊपर उठकर कांग्रेस की तरह बर्ताव न करते हुए एक सच्चे देशभक्त की तरह भाजपा और चुनाव आयोग की वोट चोरी के खिलाफ आवाज उठाएं और सही सवाल पूछें।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि कांग्रेस ने चुनिंदा मुद्दों पर आवाज उठाई है। जब आम आदमी पार्टी ने बताया कि दिल्ली में कैसे भाजपा वोट चोरी कर रही है, तब कांग्रेस के कई नेता कह रहे थे कि लोगों को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उनका नाम मतदाता सूची में है या नहीं। तब कांग्रेस को लोकतंत्र खतरे में नहीं दिख रहा था। लेकिन आज दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी निश्चित रूप से इस वोट चोरी के खिलाफ खड़े होने का समर्थन करती हैं, लेकिन कांग्रेस का दोहरापन उजागर करना भी जरूरी है। कांग्रेस महाराष्ट्र और कर्नाटक चुनाव की बात करती हैं, लेकिन दिल्ली में वोट चोरी का जिक्र नहीं करती। यह कांग्रेस का दोहरापन दिखाता है। एक साल बाद कांग्रेस को अभी भी सिर्फ अपने राज्यों में वोट चोरी दिख रही है। जो चोरी हाल ही में दिल्ली में हुई, जिसके प्रमाण हमने रखे, उस समय कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा और आज भी दिल्ली के बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
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