
Arvind Sawant on Nameplate : उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने दुकानदारों को नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। इस पर नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में अरविंद सावंत ने कहा कि देश की सत्तापक्ष की पार्टी बीजेपी को शर्म भी नहीं आती है, क्या जरूरत है दुकानों पर नाम लिखने की क्या जरूरत है। इसकी जितनी आलोचना की जाए कम है।
अरविंद सावंत ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। तहेदिल से अभिनंदन भी करता हूं। देश के संविधान को सुरक्षित रखने का काम देश की अदालत का है। देश की सत्तापक्ष की पार्टी बीजेपी को शर्म भी नहीं आती है, क्या जरूरत है दुकानों पर नाम लिखने की क्या जरूरत है, क्या बताना चाहते है, कि किस धर्म का किस जात का है और धर्म देखने के बाद खरीदेंगे नहीं क्या ये संविधान से खिलवाड़ नहीं है। इसकी जितनी आलोचना की जाए कम है। तब ही तो हम कहते हैं कि संविधान पर हमले हो रहे हैं, लेकिन सर्वोच्च अदालत का फैसला स्वागत योग्य है।
आपको बता दें कि कांवड़ यात्रा के मद्देनजर उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड की सरकार ने नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया था। जिसके बाद कुछ दुकानदारों ने अपने नाम के नेम प्लेट लगाए। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। आज सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तरप्रदेश , मध्यप्रदेश और उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा है।
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