
Delhi: केजरीवाल सरकार द्वारा कृषि भूमि का सर्किल रेट बढ़ाकर दिल्ली के किसानों को दी गई सौगात पर एलजी वीके सक्सेना ने रोक लगा दी है। केजरीवाल सरकार ने कृषि भूमि के 10 गुना तक सर्किल रेट बढ़ाने की फाइल को मंजूरी देने के लिए एलजी के पास भेजी थी, जिसे एलजी ने मंजूरी देने के बजाय वापस भेज दी है। एलजी ने फाइल वापस भेजने के पीछे दो आपत्तियां लगाई हैं।
लिहाजा कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ने के लिए दिल्ली के किसानों का इंतजार बढ़ गया। उल्लेखनीय है कि बीते 7 अगस्त को केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की कृषि भूमि के सर्किल रेट को 15 साल बाद बढ़ाने का निर्णय लिया था। इससे पहले भी दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना जनता के हित के कई काम रोक चुके हैं। जिसमें मुफ्त योगा क्लास से लेकर दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजना शामिल है।
बता दें कि राजस्व मंत्री आतिशी ने कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव को सीएम अरविंद केजरीवाल के समक्ष रखा था, जिसे उन्होंने तत्काल अपनी मंजूरी दे दी थी। उस वक्त सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के किसानों की यह लंबे समय से मांग थी कि उनकी खेती की ज़मीन के रेट बढ़ाए जाएं। मुझे दिल्ली के अपने सभी किसान भाइयों को बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि आपकी यह मांग पूरी कर दी गई है। आपका बेटा आपके हित के लिए हमेशा काम करता रहेगा।
15 साल बाद सर्किट रेट बढ़ाने का फैसला पर..
केजरीवाल सरकार द्वारा किसानों के हक़ में यह बहुत बड़ा फैसला लिया गया था। सरकार के इस फैसले के तहत दिल्ली में 2008 के बाद पहली बार किसानों की कृषि भूमि के सर्किल रेट में बदलाव किया गया था। 2008 से अबतक दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट केवल 53 लाख रुपए प्रति एकड़ है। इस वजह से किसान जब अपनी जमीन बेचना चाहते थे तो उन्हें उसका उचित दाम नहीं मिलता है। साथ ही जब दिल्ली सरकार विकास कार्यों जैसे सड़क, फ्लाईओवर, यूनिवर्सिट, अस्पताल आदि बनाने के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण करती है तो उनको अधिसूचित सर्किल रेट 53 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से ही मुआवजा मिलता है।
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