‘फ्लांइग सिख’ के नाम से प्रसिद्ध, पद्मश्री मिल्खा सिंह जी को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन

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एथलेटिक्स में भारत का परचम लहराने वाले धावक मिल्खा सिंह यूं नहीं फ्लाइंग सिख कहलाते थे। यूं तो मिल्खा ने भारत के लिए कई पदक जीते, लेकिन रोम ओलंपिक में उनके पदक से चूकने की कहानी लोगों को आज भी याद है।

 लेकिन अब यह फ्लाइंग सिख हमारे बीच नहीं दिखेगा, जीते जी मिल्खा सिंह कहते थे कि रोम ओलिंपिक जाने से पहले मैंने दुनिया भर में कम से कम 80 दौड़ों में भाग लिया था, उसमें मैंने 77 दौड़ें जीतीं थी, जिससे मेरा एक रिकार्ड बन गया था। सारी दुनिया ये उम्मीद लगा रही थी कि रोम ओलिंपिक में कोई अगर 400 मीटर की दौड़ जीतेगा तो वो भारत के मिल्खा सिंह होंगे।

18 जून को विश्वपटल पर माँ भारती को गौरवान्वित करने वाले महान धावक ‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। मिल्खा सिंह की पुण्यतिथि पर आज देश उन्हें याद कर विनम्र श्रद्धांजलि दे रहा है।

मिल्खा सिंह एक भारतीय धावक थे, जिन्होंने रोम के 1960 ग्रीष्म ओलंपिक और टोक्यो के 1964 ग्रीष्म ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। उन्हें “उड़न सिख” उपनाम दिया गया था। वे भारत के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ एथलीट्स में से एक थे। वे एक राजपूत सिख (राठौड़) परिवार से थे वही भारत सरकार ने 1959 में उन्हें पद्म श्री की उपाधि से भी सम्मानित किया।