
Ticket to Rahul from Raebareli: कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से जैसे ही लोकसभा प्रत्याशियों की घोषणा की वैसे ही विपक्ष के बयानों की बाढ़ आ गई। अमेठी से राहुल गांधी को टिकट न देने पर विपक्ष कांग्रेस पर हमलावर है. विपक्ष इस मामले में राहुल गांधी पर तरह तरह के तंज कस रहा है. कई राज्यों से बीजेपी के दिग्गज नेता इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
लखनऊ में रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है लेकिन किसी ने उन्हें(राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है. हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे।
धर्मशाला में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, कुछ समय पहले तक राहुल गांधी कहते थे, डरो मत. अब डर-डर कर कभी अमेठी से वायनाड और कभी वायनाड से रायबरेली जा रहे हैं. डर तो इतना है कि वे(राहुल गांधी) एक साथ कहीं दोनों ही न हार जाएं तो एक ही सीट से लड़ रहे हैं. वे अपनी बहन को भी न्याय नहीं दिला पाए. उनकी लिस्ट में कहीं भी उनकी बहन(प्रियंका गांधी) का नाम नहीं आया है। ये दिखाता है कि कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी में कुछ न कुछ चल रहा है.
दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, क्या राहुल जी डरो मत कहते-कहते अमेठी से लड़ो मत. आज राहुल गांधी ने अमेठी को सरेंडर कर दिया। आज राहुल गांधी अमेठी में जाने से डरते हैं। राहुल गांधी भी जानते हैं कि जो उनका परिवार 50 सालों में नहीं कर पाया वो 5 साल में स्मृति ईरानी, योगी जी और मोदी जी ने अमेठी के लोगों के लिए किया। इसलिए अमेठी जाने की हिम्मत कांग्रेस के प्रथम परिवार में नहीं है।
पोरबंदर में केंद्रीय मंत्री और पोरबंदर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार मनसुख मंडाविया ने कहा, किसी को कहां से चुनाव लड़ना है ये हर व्यक्ति का अधिकार है। लेकिन अमेठी से वे भाग रहे हैं इसका मतलब है कि उनको अमेठी और उत्तर प्रदेश की जनता पर विश्वास नहीं है। इसलिए उन्हें भागना पड़ रहा है।
रायपुर में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा, पहले राहुल गांधी अमेठी से भागे और वायनाड जाकर रुके, अब वायनाड में उनकी हार सुनिश्चित है और हार सुनिश्चित जान कर रायबरेली आ रहे हैं। वायनाड की जनता बखूबी जानती है कि ये जनहित के बजाय अपना स्वार्थ की राजनीति करने वाले लोग हैं इसलिए रायबरेली की जनता राहुल गांधी को वापस भेजने कि लिए तैयार बैठी है।
कर्नाटक के हुबली में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, उनकी(राहुल गांधी) हार होगी और वे उस हार को अपने पूरे जीवन में कभी नहीं भूला पाएंगे। वहीं पटना में बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, राहुल गांधी देश के किसी कोने से चुनाव लड़ लें, जनता का विश्वास उन्हें नहीं मिल रहा है और वे डरे हुए हैं. ऐसे लोग जो ईमानदारी से विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पाए वो कैसे देश का नेतृत्व करने का सपना देख रहे हैं. वे(राहुल गांधी) पूरी तरह से चुनाव हारेंगे और वे राजनीति में अस्वीकृत किए जा चुके हैं।
अहमदाबाद में भाजपा नेता रोहन गुप्ता ने कहा, मैंने प्रियंका गांधी के साथ काम किया है। मैं उनका दिल से आदर करता हूं क्योंकि कार्यकर्ता को 15 साल में जब भी परेशानी हुई तब वे मिलती थी बात सुनती थी। उनके प्रति कार्यकर्ताओं में एक लगाव है। आज वे नहीं बोलेंगी, वे अपने परिवार को निजी इच्छा से ऊपर रखेंगी। आप प्रतिक्रिया को नजरअंदाज नहीं कर सकते। कांग्रेस पार्टी में मैं पिछले 2 साल से अहंकार देख रहा हूं कि हम कुछ भी करेंगे जनता उसको स्वीकार कर लेगी। मुझे लगता है उसी कड़ी में ये निर्णय जुड़ गया है। ऐसी नेता जिसने सालों से काम किया है उसके प्रति जनता और कार्यकर्ता की उम्मीद थी की रायबरेली से वे लड़े। अमेठी सालों से उनकी सीट थी उन्हें उसे नहीं छोड़ना चाहिए था।
हैदराबाद में रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर भाजपा नेता के. लक्ष्मण ने कहा, उत्तर प्रदेश की पूरी प्रजा ने उन्हें अमेठी से हराकर पिछली बार भगाया। वायनाड जाकर पिछली बार वे जीतकर आए। दूसरी बार केरल की पूरी प्रजा को उनके बारे में पता चल गया क्योंकि उन्होंने वायनाड के लोगों को भी धोखा दिया। आज वे वायनाड में हारने वाले हैं इसलिए घोषित नहीं किया गया था कि वे कहां से लड़ रहे हैं. रायबरेली के लोग भी उन्हें जरूर सबक सिखाएंगे.
भोपाल में मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार वीडी शर्मा ने कहा, इस बार वायनाड में भी जमीन खिसक गई है इसलिए वे(राहुल गांधी) वहां से भी भागने की तैयारी कर रहे हैं और रायबरेली में जमीन ढूंढ रहे हैं लेकिन रायबरेली की जमीन तो पहले ही खिसक गई है। इसलिए कहीं से भी हो, इस बार राहुल गांधी की हार सुनिश्चित है।
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