Chhattisgarh News: खरीद केन्द्रों में सन्नाटा छत्तीसगढ़ में धान नहीं बेच रहे किसान, वजह जान हो जाएंगे हैरान

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में चुनाव खत्म होने के बाद अब हर किसी को चुनावी परिणाम का इंतजार हैं। 3 दिसम्बर को किस पार्टी की सरकार बनेगी इसको लेकर छत्तीसगढ़ की जनता टक टकी लगाए हुई है। लेकिन इस बीच प्रदेश में चुनावी परिणाम का असर धान खरीद में देखने को मिल रहा है। बता दें कि फिलहाल धान खरीद केन्द्रों में अभी सन्नाटा पसरा हुआ है जिसकी 2 बड़ी वजह भी बताई जा रही हैं जिसे जान आप भी चौंक जाएंगे।
किसानों को है नई सरकार बनने का इंतजार
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी ने इस बार प्रदेश के किसानों से खूब लोक-लुभावन वादें किए हैं। एक तरफ जहां भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने सत्तावापसी के लिए 3200 रुपए क्विंटल धान खरीदी के साथ कर्जमाफी की घोषणा कर रखी है। तो वहीं दुसरी तरफ भाजपा ने भी इस बार भूपेश का किला भेदने के लिए 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने और एकमुश्त राशि दिए जाने सरकार बनने पर वादा किया है।
ऐसे में प्रदेश के किसान 3 दिसंबर के दिन किसकी सरकार बनेगी वो देखने के बाद ही धान की बिक्री करने का मन बना चुके हैं। 1 नवंबर से सेंटर खुले हुए है लेकिन किसान अपनी फसल बेचने नहीं आ रहे हैं। यानी किसानों को दिए गए लोक-लुभावन वादों से धान खरीद केन्द्रों में अभी सन्नाटा किया हुआ है।
56 धान खरीद केन्द्रों में से 15 पर ही आए हैं किसान
बताते चले कि प्रदेश में इस साल सरकार ने धान की खरीद को बढ़ाने के लिए पूरे प्रदेश भर में 56 केंद्र बनाए है। पिछले साल के मुकाबले इस साल 5 और नए सेंटर बनाए गए है। कुल मिलाकर 46 केंद्रों से धान की खरीदी होना थी लेकिन 15 सेंटर पर ही किसान धान बेचने के लिए आए। वहीं, दूसरी तरफ 31 सेंटर पर अभी भी सन्नाटा पसरा हुआ है जहां अभी भी किसानों के आने का इंतजार है।
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