
Tirupati Temple Stampede : तिरुपति मंदिर में बुधवार रात भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 घायल हुए हैं.घायल श्रद्धालुओं को अस्पताल ले जाया गया है।
तिरुपति विष्णु निवासम आवासीय परिसर में बुधवार की रात हुई भगदड़ मचने 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए। यह घटना तब हुई, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु वैकुंठ द्वार पर दर्शन के लिए टोकन लेने के लिए उमड़ पड़े जिससे भगदड़ मच गई। घायल श्रद्धालुओं को अस्पताल ले जाया गया है मृतकों में से एक की पहचान तमिलनाडु की रहने वाली मल्लिका के रूप में हुई है।
टोकन बांटने का कार्यक्रम था
हजारों श्रद्धालु पवित्र वैकुंठ एकादशी के अवसर पर दर्शन के लिए टोकन लेने पहुंचे थे गुरुवार सुबह 5 बजे से 9 काउंटरों पर टोकन बांटने का कार्यक्रम था। तिरुपति शहर में आठ स्थान पर टिकट वितरण के लिए केंद्र बनाए गए थे लेकिन इस शुभ अवसर को लेकर श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहले ही वहां जमा हो गए और शाम को एक स्कूल पर बने केंद्र पर भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया
आंध्र प्रदेश के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा शोक जताया और राहत कार्यों का वादा किया। सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू ने हादसे के तुरंत बाद तिरुपति प्रशासन और टीटीडी के अधिकारियों के साथ कॉन्फ्रेंस कर जानकारी ली और जरूरी आदेश दिए। वहीं, गुरुवार को सीएम दोपहर में खुद तिरुपति पहुंच कर स्थिति का जायजा लेंगे। इस बीच विपक्ष YSRCP ने इस हादसे को लापरवाही का नतीजा बताया और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जताया है।
आध्यात्मिक महत्व रखता है
वैकुंठ एकादशी हिंदू पंचांग के धनुर मास (धनु सूर्य मास) में आती है। इसे तमिल परंपराओं में धनुरमास या मार्गज़ी मास कहा जाता है यह शुक्ल पक्ष चंद्रमा के बढ़ते चरण की एकादशी है, जो कृष्ण पक्ष चंद्रमा के घटते चरण की एकादशी से अलग है। वैकुंठ एकादशी का निर्धारण सौर कैलेंडर के आधार पर होता है। जिसके कारण यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के मार्गशीर्ष या पौष मास में पड़ सकती है। इस दिन व्रत का पालन करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से वैकुंठ धाम के द्वार खुलने का विश्वास है। यह दिन विशेष रूप से आध्यात्मिक महत्व रखता है और मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है।
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