
Sadhus Stripped And Beaten Case:
पालघर जैसा कांड पश्चिम बंगाल में भी देखने को मिला, Sadhus Stripped And Beaten Case: जब लोगों ने 3 साधुओं के कपड़े उतारकर बुरे तरीके से पीटा। बताया जा रहा कि पीड़ित उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले थे और गंगासागर जा रहे थे, लेकिन पुरुलिया में लोगों ने उन्हें बेरहमी से पीटा। वहीं घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की।पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है l वहीं पुरुलिया के SP अविजीत बैनर्जी ने बताया कि मामला 2 लड़कियों से जुड़ा है। पीड़ितों और गिरफ्तार किए गए लोगों के बयानों से मामला साफ हुआ है।
लड़कियों के समझने में हुआ फेर
SP बैनर्जी ने बताया कि गिरफ्तार लोगों के बयानों के अनुसार, साधुओं ने काली मंदिर के पास लड़कियों को रोका था, लेकिन साधुओं की भाषा की समस्या के कारण लड़कियों ने समझा कि वे साधु उनका पीछा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने शोर मचा दिया और लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने लड़कियों की बातों पर विश्वास कर लिया। इसके बाद साधुओं को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। उन्हें बेरहमी से पीटा गया। वे हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन लोगों को उन पर तरस नहीं आया। हालांकि बाद में इलाके के ही कुछ लोगों को उन पर दया आ गई और उन्होंने अपनी जान पर खेलकर भीड़ के चुंगल से उन तीनों संतों को बचाया और पुलिस को सूचना भी दी।
पुलिस को संतों ने दर्ज कराए बयान
SP बैनर्जी के अनुसार, तीनों संतों ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के बरेली से गंगा स्नान के लिये गंगासागर जा रहे थे। लेकिन उनका कसूर सिर्फ इतना था कि वह रास्ते मे लोगों से दान पुण्य मांगने की हिमाकत कर बैठे। किसी के कहने पर पुरुलिया के एक ईंट भट्ठा पर जा रहे थे, यह सोचकर कि ईंट भट्ठा मालिक उन्हें अच्छा दान देगा।उन्होंने 3 नाबालिक युवकों से रास्ता पूछ लिया तो वे डर के मारे भाग गए। इसके बाद इलाके के लोगों ने उन्हें घेर लिया और बच्चा चोर कहते हुए काली मंदिर के पास ले गए, जहां उन्होने तीनों को नंगा करके जमकर धुनाई की। तीनों हाथ जोड़कर अपनी बेगुनाही का सबूत देते रहे, लेकिन वे नहीं माने।
संतों ने नहीं कराई FIR
SP ने बताया कि संतों ने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने से मना कर दिया है, लेकिन पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर मामले में कार्रवाई की है, ताकि पालघर जैसा कांड यहां न होने पाए। तीनो संतों में से एक बुजुर्ग संत हैं और 2 युवा संत हैं, जिनके साथ गाड़ी चालक भी है। लोगों ने संतों की गाड़ी भी तोड़-फोड़ दी।
भाजपा IT सेल के हेड अमित मालवीय ने अपने X अकाउंट पर साधुओं को पीटने की वीडियो शेयर करते हुए ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि पुरुलिया में 2020 में महाराष्ट्र के पालघर में हुई मॉब लिंचिंग जैसी घटना हुई है। लोग बचाने के बजाय तमाशबीन बने देखते रहे।
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