ISRO बनाएगी खुद का अंतरिक्ष स्टेशन!

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भारत 2030 तक अमेरिका, रूस और अन्य देशों की लीग में शामिल होकर अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है. अब तक, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन एकमात्र पूरी तरह से कार्य करने वाला स्पेस स्टेशन है, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की तुलना में बहुत छोटा होगा और इसका उपयोग माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों को करने के लिए किया जाएगा।

 अंतरिक्ष स्टेशन की प्रारंभिक योजना अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में 20 दिनों रखने की है. भारत का अंतरिक्ष स्टेशन लगभग 400 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। सोमनाथ ने कहा कि ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) 1980 के दशक में विकसित प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं और भविष्य में रॉकेट प्रक्षेपित करने में इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसरो की एनजीएलवी की डिजाइन एक साल में तैयार करने की योजना बनाई है और 2030 में संभावित रूप से प्रस्तावित इसके पहले प्रक्षेपण के साथ उद्योग जगत को इनके उत्पादन के लिए पेशकश की जा सकती है।

इसरो के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि नया रॉकेट मददगार होगा क्योंकि भारत की 2035 तक अपना अंतरिक्ष केंद्र स्थापित करने की योजना है और गहरे अंतरिक्ष मिशन पर, मानवीय अंतरिक्ष उड़ानों, मालवहन मिशनों और एक ही समय में कक्षा में अनेक संचार उपग्रहों को स्थापित करने पर भी उसकी नजर है. एनजीएलवी को भारी मात्रा में उत्पादन के लिए सामान्य, मजबूत मशीन के रूप में डिजाइन किया गया है. इससे अंतरिक्ष में परिवहन किफायती होगा।