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‘कई हस्तियां ईरान छोड़ चुकी हैं, खामेनेई भी देश से भागने का विकल्प चुन सकते हैं’, न्यू ईरान मूवमेंट नेता का दावा

Iran – Israel Tension : एक तरफ ईरान और इजरायल में संघर्ष जारी है. दूसरी तरफ ईरान को अमेरिका लगातार चेतावनी दे रहा है. इसी बीच ईरान के निर्वासित जो 15 सालों से न्यू ईरान मूवमेंट चला रहे हैं. ईरान फोरोउतान ने दावा किया है कि ईरान में सत्ता परिवर्तन होगा. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कई हस्तियां ईरान छोड़ चुकी हैं और आने वाले समय में खामेनेई भी देश से भागने का विकल्प चुन सकते हैं. इजरायली हमलों से ईरान हिल रहा है और ईरानी लोग जश्न मना रहे हैं. क्योंकि वो इसे एक सत्ता परिवर्तन का अवसर मान रहे हैं. 

फोरोउतान ने कहा कि अभी सबसे अच्छा समय है, क्योंकि बहुसंख्यक ईरानी लोगों के पास, अंदर और बाहर दोनों जगह, प्रिंस रेजा पहलवी के रूप में एक नेता है, जो पिछले 45 वर्षों से इस समय का इंतजार कर रहे हैं. ईरान के आखिरी शाह के बेटे पहलवी 1979 की ईरानी क्रांति के बाद से निर्वासन में रह रहे हैं, जिसके दौरान उनके पिता को सत्ता से हटा दिया गया था. कई शासन-विरोधी ईरानी पहलवी को इस्लामी गणतंत्र ईरान के बाद के नेता के रूप में सबसे बेहतर विकल्प मानते हैं.

ईरान के आज़ाद होने पर उनकी जिम्मेदारी खत्म

उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी स्थिति ये है कि इजरायली हमले से तेज़ी से शासन परिवर्तन होगा और क्राउन प्रिंस पहलवी सत्ता संभालेंगे. यह जरूरी नहीं है कि वह अगले राजा बनें, क्योंकि उन्होंने कई बार कहा है कि ईरान के आज़ाद होने पर उनकी जिम्मेदारी खत्म हो जाएगी. उसके बाद, ईरान के लोग, स्वतंत्र चुनावों के जरिए, तय करेंगे कि उन्हें संसदीय राजशाही प्रणाली चाहिए या गणतंत्र प्रणाली, जो भी हो.

फोरोउतान ने दावा किया है कि ईरान के खिलाफ इजरायली अभियान संभवतः कम से कम एक सप्ताह तक चलेगा. कई दिनों तक यह सुनिश्चित करने के बाद कि इस्लामिक गणराज्य सैन्य रूप से कुछ भी नहीं कर सकता है.अयातुल्ला अली खामेनेई संभवतः देश से भागने का विकल्प चुनेंगे. उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद, पहले कुछ महीने अभी भी बहुत मुश्किल होंगे. कौन जानता है कि आईएसआईएस आएगा या तालिबान ? ये सभी अलग-अलग चीजें हो सकती हैं.

बातचीत की मेज पर आओ

फोरोउतान ने कहा कि जो लोग ट्रंप को नहीं जानते, मुझे लगता है कि अब वे समझ रहे हैं कि वह जो कहते हैं, वही करते हैं. उन्हें युद्ध पसंद नहीं है. वह इस्लामिक रिपब्लिक के साथ युद्ध नहीं चाहते थे, उन्होंने उन्हें अपने सभी मौके दिए. कल तक भी, वह कह रहे थे. बातचीत की मेज पर आओ. लेकिन इस बार अयातुल्लाओं ने बहुत बड़ी गलती की और उस गलती की बदौलत, उम्मीद है कि बहुत जल्द ईरान के लोग इस अधिनायकवादी शासन के 45 साल बाद आज़ाद हो जाएंगे, जो उन्हें मूल रूप से मार रहा है, उन्हें प्रताड़ित कर रहा है, उन्हें जेल में डाल रहा है और इसी तरह की अन्य हरकतें कर रहा है.

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