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महा विकास अघाड़ी ने मुस्लिम उलेमाओं के तलवे चाटने शुरू कर दिए : देवेंद्र फडणवीस

Interview of Fadnavis : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सीएम योगी के बटेंगे तो कटेंगे नारे से सहमति जताई है. वहीं उन्होंने खुद को सीएम की रेस से बाहर बताया. उन्होंने उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना पर आरोप लगाया कि अब ये लोग बाला साहेब ठाकरे को भी हिन्दू ह्रदय सम्राट नहीं बोलते हैं. दूसरी ओर उन्होंने अजित पवार से लेकर राज ठाकरे के बारे में भी अपने विचार रखे. वहीं उन्होंने कहा कि महा विकास अघाड़ी ने मुस्लिम उलेमाओं के तलवे चाटने शुरू कर दिए हैं.

‘मुझे योगी जी के नारे में कुछ भी गलत नहीं लगता’

एएनआई को दिए गए एक इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “मुझे योगी जी के नारे में कुछ भी गलत नहीं लगता। जब-जब इस देश को जातियों, प्रांतों और समुदायों में बांटा गया, यह देश गुलाम हुआ…”

‘मैं अपनी पार्टी में एक क्षेत्रीय नेता’

महायुति के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री कौन होगा, यह पूछे जाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “कोई योजना नहीं है, कोई तारीख नहीं है। हमें पूरा भरोसा है कि हम अपनी सरकार बनाएंगे। जैसे ही नतीजे आएंगे, तीनों पार्टियां एक साथ बैठेंगी और तय करेंगी कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए…मैं इस प्रक्रिया में नहीं हूं। मैं अपनी पार्टी में एक क्षेत्रीय नेता हूं.

‘शिवसेना(UBT) ने बालासाहेब को हिंदू हृदय सम्राट कहना बंद कर दिया’

उन्होंने कहा कि जब सरकार ने बालासाहेब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बताया है, तो फिर उद्धव जी की सहयोगी कांग्रेस पार्टी ऐसा कहने से क्यों डर रही है? उन्हें शर्म क्यों आ रही है?…राहुल गांधी को भूल जाइए, यहां तक ​​कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भी बालासाहेब ठाकरे को शिवसेना प्रमुख कहना शुरू कर दिया है। उन्होंने उन्हें हिंदू हृदय सम्राट कहना भी बंद कर दिया है…”

‘महिला मतदाताओं में बहुत सकारात्मकता दिख रही’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मैंने पूरे महाराष्ट्र का दौरा किया है, मुझे बहुत सकारात्मक भावना दिख रही है। खासकर हमारी महिला-केंद्रित नीति के कारण, मुझे महिला मतदाताओं में बहुत सकारात्मकता दिख रही है। हमारी रैलियों में अब 50% महिलाओं की भागीदारी देखी जाती है। हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे।

‘महा विकास अघाड़ी ने मुस्लिम उलेमाओं की सभी मांगों को स्वीकार किया’

उलेमा बोर्ड के पत्र मामले के बारे में पूछे जाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, महा विकास अघाड़ी ने मुस्लिम उलेमाओं के तलवे चाटने शुरू कर दिए हैं। अभी उलेमा काउंसिल ने उन्हें अपना समर्थन देने की घोषणा की है, उन्होंने 17 मांगें रखी थीं और MVA ने औपचारिक पत्र दिया है कि हम उन 17 मांगों को स्वीकार करते हैं। उनमें से एक मांग यह है कि 2012 से 2024 तक महाराष्ट्र में हुए दंगों के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों पर जो मामले दर्ज किए गए थे, उन्हें वापस लिया जाए। यह किस तरह की राजनीति है?.

‘उन्हें जनता का मूड समझने में थोड़ा समय लगेगा’

उपमुख्यमंत्री अजित पवार की टिप्पणी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे के लिए कोई जगह नहीं है” पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “…दशकों तक अजित पवार ऐसी विचारधाराओं के साथ रहे जो धर्मनिरपेक्ष और हिंदू विरोधी हैं। खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वालों में कोई वास्तविक धर्मनिरपेक्षता नहीं है। उन्हें जनता का मूड समझने में थोड़ा समय लगेगा।

‘हम एक दिन ‘अखंड भारत’ बनाएंगे’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, हम कश्मीर के बारे में बात क्यों नहीं करेंगे?… अगर मैं देशभक्त हूं, तो मैं इतना संकीर्ण विचार कैसे रख सकता हूं कि कश्मीर के साथ कुछ भी हो जाए, मुझे चलेगा। कश्मीर हमारी पहचान का मामला है. हमारा एक सपना है, हम एक दिन ‘अखंड भारत’ बनाएंगे। एक दिन पाकिस्तान पर भी भारतीय झंडा लहराएगा.

राज ठाकरे के बयान पर बोले ये…

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे के बयान पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “राज ठाकरे हमारे मित्र भी हैं और वैचारिक रूप से जब से उन्होंने हिंदुत्व स्वीकारा है तब से वे हमारे करीब भी आए हैं। लोकसभा के चुनाव में बिना किसी शर्त के उन्होंने पीएम मोदी को एक प्रकार से समर्थन दिया। अब भले ही विधानसभा चुनाव में उनकी और हमारी विचारधारा समान हो लेकिन उन्हें अपनी पार्टी चलानी है… वे उनकी पार्टी का काम कर रहे हैं और हम अपनी पार्टी का काम कर रहे हैं।” महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे के महायुति में शामिल न होने के सवाल पर उन्होंने कहा, “महायुति में जगह नहीं है। हम तीन पार्टियां हैं, तीन पार्टियों के बीच सीटों का बटवारा करते हुए इतना समय लगा. मैं उनका धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने कोई अच्छी बात मेरे लिए कही हालांकि वे जो कह रहे हैं वो सही नहीं है।

‘मैं ऐसी किसी दौड़ में नहीं’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, न तो मैं मुख्यमंत्री की दौड़ में हूं, न ही मैं अध्यक्ष की दौड़ में हूं। मैं ऐसी किसी दौड़ में नहीं हूं। भाजपा मेरा घर है, जीना यहां, मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां। देवेंद्र फडणवीस ऐसा नट है जो कहीं भी फिट होता है, जहां भी पार्टी इस नट को फिट कर दे यह वहां फिट हो जाएगा।

‘लोग महायुति को निर्णायक बहुमत देंगे’

‘क्या शिवसेना(UBT) नेता उद्धव ठाकरे के लिए (महायुति में) दरवाजा बंद हो चुका है?’ के सवाल पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, निश्चित ही बंद हो गया है और इसकी जरूरत भी नहीं पड़ने वाली है. 2019 के चुनाव ने मुझे ये सिखाया है कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है. अब आवश्यकता नहीं पड़ेगी… लोग इस बार महायुति को निर्णायक बहुमत देंगे।

‘कर्नाटक के विज्ञापन महाराष्ट्र में छपवा रहे राहुल गांधी’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान ‘उद्योगों के गुजरात में चले जाने से महाराष्ट्र के युवाओं को, आदिवासियों को बंधुआ मजदूर बनकर बाकी राज्यों में जाना पड़ेगा’ पर कहा, मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि कर्नाटक में उनकी सरकार है, तो वहां कितना निवेश आ रहा है? जब हमारी सरकार थी, तो निवेश के मामले में वह शीर्ष पर था। उन्हें अपनी एक भी काम करने वाली सरकार दिखानी चाहिए… वे कर्नाटक के विज्ञापन महाराष्ट्र में छपवा रहे हैं, उनके महाराष्ट्र के नेता इतने असफल हैं कि वे उनका विज्ञापन भी नहीं छाप सकते.

शरद पवार को बताया इस बात का भीष्म पितामाह

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘परिवार टूटने और पार्टी टूटने का महाराष्ट्र चुनाव पर क्या असर होगा’, पूछे जाने पर कहा, “मुझे नहीं लगता कि इसका कोई असर होगा। अगर महाराष्ट्र में परिवार तोड़ने, जोड़ने, पार्टियों को तोड़ने, जोड़ने और फिर तोड़ने में कोई महारथी है तो वह शरद पवार हैं। अगर हम लिस्ट बनाएं कि 1978 से उन्होंने कितनी पार्टियों और परिवारों को तोड़ा है, तो उन्हें पार्टियों और परिवारों को तोड़ने का भीष्म पितामह कहना होगा.

‘पार्टियां अपनी अति महत्वाकांक्षाओं के कारण टूटीं’

उन्होंने कहा, पार्टियां अपनी अति महत्वाकांक्षाओं के कारण टूटीं, उद्धव जी मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने हमसे नाता तोड़ लिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद वे आदित्य ठाकरे को आगे लाना चाहते थे, इसलिए एक तरह से उन्होंने एकनाथ शिंदे को सफोकेट करने की कोशिश की, इसलिए एकनाथ शिंदे के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। दूसरी तरफ शरद पवार जी ने 30 साल से पार्टी का नेतृत्व कर रहे अजित पवार को विलेन बना दिया क्योंकि वे सुप्रिया ताई को नेतृत्व देना चाहते थे। अजित पवार के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। यह व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के कारण हुआ.

धारावी प्रोजेक्ट पर कही यह बात…

‘क्या अडानी ग्रुप को लेकर महायुति में मतभेद है और क्या धारावी परियोजना पर पुनर्विचार किया जाएगा?’ यह पूछे जाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “शिवसेना(UBT) की हमेशा से नीति रही है कि सत्ता से बाहर रहो तो विरोध करो और जब सत्ता में आओ तो उसका समर्थन करो। उन्होंने विरोध किया और महाराष्ट्र में बनने वाली सबसे बड़ी रिफाइनरी को रद्द करवा दिया और जब वे मुख्यमंत्री बन गए तो उन्होंने यहां रिफाइनरी बनाने के लिए पत्र लिखा। इस धारावी प्रोजेक्ट में मैंने टेंडर जारी किया, जिस समय मैंने टेंडर अलॉट किया, उस समय अडानी जी नहीं थे लेकिन उस टेंडर को रद्द करने के बाद नए टेंडर की सारी शर्तें उद्धव ठाकरे ने तैयार की, उनकी कैबिनेट ने उसे मंजूरी दी। उन शर्तों के आधार पर टेंडर बनाया गया और अडानी उसमें सफल बिडर बने, इसलिए टेंडर उनके पास चला गया हालांकि यह टेंडर अडानी कंपनी को नहीं मिला है, यह डीआरपी को दिया गया है जिसमें हमारी हिस्सेदारी है।

डीआरपी में महाराष्ट्र सरकार एक हिस्सेदार है और डीआरपी ही सब कुछ कर रही है। इसलिए वे जो कह रहे हैं कि यह अडानी को दिया गया, यह गलत है… मैं पूरे दावे से कहता हूं कि अगर उनके समय में भी अडानी टेंडर में सफल बिडर होते तो क्या वे टेंडर नहीं देते, क्या उनकी अडानी के साथ बैठकें नहीं होतीं?”

बताया कि क्यों हुए सरकार में शामिल

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मुझे पहले दिन से पता था कि हम शिंदे जी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। हम यह दिखाना चाहते थे कि उद्धव जी के साथ जो हुआ, वह सत्ता के लिए नहीं था… उस समय मैंने पार्टी से कहा था कि अगर मैं इस सरकार में शामिल होऊंगा तो लोग सोचेंगे कि यह आदमी पदों का इतना लालची है कि 5 साल मुख्यमंत्री रहा और वापस किसी और पद पर जा रहा है, इसलिए मुझे बाहर रहने दिया जाए। मेरी पार्टी भी सहमत थी लेकिन बाद में जब शपथ ग्रहण समारोह का समय आया तो मेरे नेताओं ने मुझसे कहा कि अभी यह बहुत नाजुक सरकार है और ऐसे समय में एक अनुभवी व्यक्ति का सरकार में होना बहुत जरूरी है। इसलिए मैंने इसे अपना सम्मान समझा और सरकार में चला गया.

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