
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) के उम्मीदवारों से अपील की कि वे किसी भी आत्मघाती प्रवृत्ति को न पालें बल्कि आत्मविश्वास के साथ जीवन का सामना करें। स्टालिन के बेटे और कैबिनेट मंत्री उदयनिधि ने मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि NEET की वापसी के लिए “कानूनी संघर्ष” जारी रहेगा। स्टालिन ने दावा किया कि कुछ महीनों में राजनीतिक परिवर्तन होगा और फिर एनईईटी बाधाएं ढह जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से राज्य के एनईईटी विरोधी विधेयक के खिलाफ तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, “फिर, वे सभी जो कहते हैं कि ‘मैं हस्ताक्षर नहीं करूंगा’ गायब हो जाएंगे।” राज्यपाल ने शनिवार को कहा था कि वह राज्य को एनईईटी से छूट देने के विधेयक को कभी मंजूरी नहीं देंगे। स्टालिन ने यहां एक बयान में कहा, “मैं छात्र जगतीश्वरन और उनके पिता सेल्वाशेखर के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनकी मृत्यु एनईईटी की वेदी पर आखिरी मौत हो।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “जगतीश्वरन के पिता सेल्वाशेखर ने भी अगले दिन आत्महत्या कर ली। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि उनके परिवार और दोस्तों को कैसे सांत्वना दूं।” उनके माता-पिता अपने अध्ययनशील बेटे को मेडिकल डॉक्टर बनते देखना चाहते थे।
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