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दिल्ली: पर्यावरणीय परियोजना संबंधित विवरण निर्माण स्थल पर दिखाया जाए

Delhi High Court On Environment: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पर्यावरण संबंधित सभी परियोजनाओं के विवरण जैसे पर्यावरणीय लागत, काटे गए पेड़ों की संख्या और क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के स्थान सहित अन्य सभी जानकारियां निर्माण स्थलों पर प्रदर्शित की जाए। मामले में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर से कम के अधिकारी को जिम्मेदार नहीं बनाया जाना चाहिए।

केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश का हो अनुपालन

कोर्ट ने कहा, “जानकारी में उस नागरिक एजेंसी का नाम भी होगा जो निर्माण करा रही है।” न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने अधिवक्ता आदित्य एन प्रसाद द्वारा दायर याचिका के दौरान यह टिप्पणी की। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा 5 अगस्त, 2011 को पारित एक आदेश को लागू करने की मांग की गई थी, जिसमें किसी भी निर्माण कार्य को करने वाली सभी नागरिक एजेंसियों को मौद्रिक लागत के साथ पर्यावरणीय लागत प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया था। निर्माण स्थलों पर परियोजना का विवरण भी दिया जाए।

हटाए गए पेड़ों का विवरण है जरूरी

यह मामला 25 मई, 2015 से जुड़ा था जिसमें  एक समन्वय पीठ द्वारा एक समान आदेश पारित किया गया था। जिसमें निर्देश दिया गया था कि पीडब्ल्यूडी और अन्य सड़क एजेंसियों द्वारा एक समग्र योजना प्राप्त की जाए जिसमें खड़े पेड़ों की संख्या और उन पेड़ों का विवरण शामिल होगा जिन्हें हटाया जाना आवश्यक है।

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