
Agneepath Scheme: केंद्र सरकार द्वारा लाई गई ‘अग्निपथ योजना’ के ऐलान के बाद से ही समय-समय पर इस योजना को लेकर विवाद दिखता हुआ नजर आ रहा है। बता दें अग्निपथ योजना के तहत जाति प्रमाण पत्र मांगने को लेकर उठ रहे सवालों पर अब देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद सामने आ चुके है। उन्होंने सिरे से उठ रहे इस सवाल को अफवाहा बताया है। हालांकि राजनाथ सिंह ने कहा है की सैन्य भर्ती की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये केवल एक अफवाह महज ही है। इस बात को लेकर उन्होंने बताया की पुरानी प्रक्रिया जो आजादी के पहले से चली आ रही है उसे ही जारी रखा जाएगा।
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बता दें ये पूरा मामला दोबारा से इसलिए फिर विवादों में आया क्योंकि अग्निपथ योजना के लिए जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सियासत शुरू हो गई थी। भाजपा सांसद वरुण गांधी, आप सांसद संजय सिंह व जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सैन्य भर्ती में जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए हैं।
सेना ने दी सफाई
सेना भर्ती को लेकर जारी अग्निपथ योजना में जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगने के विवाद में सेना ने भी अब जाकर सफाई दी है। सैन्य अधिकारियों का कहना है कि अग्निपथ योजना के तहत सैन्य भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले भी जाति व धर्म प्रमाण पत्र मांगा जाता रहा है। हालांकि सैन्य भर्ती में धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सेना के एक अधिकारी ने कहा कि प्रशिक्षण व तैनाती के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों का अंतिम संस्कार करने के लिए धर्म का पता होना आवश्यक होता है। इससे उनका अंतिम संस्कार उसी धर्म के मुताबिक किया जाता है।
विपक्ष पर प्रहार
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, अग्निपथ योजना पर जानबूझकर विवाद खड़ा किया जा रहा है। भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सेना में जाति के अधार पर भर्ती नहीं होती है, हालांकि, रिकॉर्ड के तौर पर प्रमाणपत्र मांगा जाता है। उन्होंने कहा, विपक्ष युवाओं को जाति के आधार पर बांटने का प्रयास कर रहा है।
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