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बर्थडे स्पेशल: 71 साल की हुईं पद्म श्री, पद्म भूषण सम्मानित शबाना आजमी, मां से छिपकर कभी बेचा करती थीं कॉफी

सिनेमा जगत की दिग्गज अभिनेत्री और सोशल वर्कर शबाना आजमी आज अपना 71वां जन्मदिन मना रही हैं। उनके फैंस के साथ-साथ मशहूर हस्तियों ने भी सोशल मीडिया पर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं।

शबाना ने अपने करियर की शुरूआत 70 के दशक में श्याम बेनेगल की फिल्म अंकुर में अभिनय करके की थी। इस फिल्म में उन्होंने नौकरानी की भूमिका निभाई थी, और उन्होंने इसमें अपने शानदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था। उसके बाद एक के बाद एक कई फिल्मों में मुख्य रोल निभाया।

पद्म श्री, पद्म भूषण और पांच राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहीं हैं शबाना

18 सितंबर 1950 को हैदराबाद में जन्मी शबाना आजमी ने मुंबई के क्वीन मैरी स्कूल में पढ़ने के बाद सेंट जेवियर्स कॉलेज से मनोविज्ञान में स्नातक किया और फिर फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) पुणे से 1973 में अभिनय का कोर्स पूरा किया। पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहीं शबाना आजमी को पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। शबाना की  मां का नाम  शौकत आजमी और पिता का नाम कैफ़ी आजमी था,  जो अपने जमाने के मशहूर शायर थेl

किसी समय में 30 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से कॉफी बेचा करती थी

किसी जमाने में शबाना आजमी 30 रुपये प्रति दिन के हिसाब से कॉफी बेचा करती थीं। इसके अलावा उनकी मां शौकत आजमी की ऑटोबायोग्राफी ‘कैफी एंड आई मेमॉयर’ में उनके और उनके जीवन के बारे मे कई बातें सामने आई हैं। 2005 में लिखी उनकी आत्मकथा से ये बात सामने आई कि शबाना ने तीन महीने तक पेट्रोल स्टेशन पर ब्रू कॉफी बेची थी। हालांकि यह बात उनकी मां को पता नहीं थी।

परिवार से बगाबत कर की थी शादी

शबाना ने साल 1983, 1984 और 1985 में लगातार तीन वर्षों तक पुरस्कार जीते। उन्होंने  स्वामी (1977), जूनून (1979), स्पर्श (1980), अर्थ (1982) और पार (1984) जैसी कई यादगार फिल्में कीं। उन्होंने 1984 में जावेद अख्तर से शादी की। दो बच्चों के पिता जावेद, शबाना आजमी के पिता कैफी आजमी से लिखने का हुनर सीखने के लिए उनके घर जाया करते थे। इसी दौरान शबाना और जावेद अख्तर एक दूसरे के करीब आए और उसके बाद घरवालों के ख़िलाफ जाकर शबाना ने उनसे शादी कर ली।

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