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बिहार की वोटर लिस्ट में बड़ी साजिश? 1.60 लाख एजेंट तैनात, लेकिन किसी ने नहीं उठाई आवाज!

Bihar Elections : बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) को लेकर हाल ही दिनों में खूब सियासी बयानबाजी देखने को मिल रही है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस प्रक्रिया में किसी भी राजनीतिक दल ने मतदाता सूची में गड़बड़ी पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई. जहां चुनाव आयोग ने गुरुवार को अपने बुलेटिन में ये चौंकाने वाली जानकारी साझा की.

आयोग के मुताबिक, इस प्रक्रिया में 1.60 लाख से ज्यादा बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) नियुक्त किए गए थे. इनमें भाजपा के 53,338, जदयू के 36,550, राजद के 47,506 और कांग्रेस के 17,549 बीएलए शामिल थे. बवाजूद इसके कोई भी पार्टी अपनी तरफ से कोई गलती या नाम छूटने-जुड़ने पर आपत्ति लेकर सामने नहीं आई.

किसी भी पार्टी ने नहीं जताई आपत्ति: चुनाव आयोग

दरअसल चुनाव आयोग का कहना है कि हमारा मकसद है कि कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं और कोई अयोग्य नाम शामिल न हो. इसके लिए 1 अगस्त को जारी की गई प्रारूप मतदाता सूची पर आपत्ति और दावा दर्ज करने का मौका दिया गया, लेकिन अब तक किसी भी पार्टी ने इस दिशा में कदम नहीं उठाया.

बिहार ने रचा इतिहास

वहीं बिहार देश का पहला राज्य बना है जिसने एक बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय की है. इससे लंबी कतारों की समस्या काफी हद तक खत्म होगी. इतना ही नही इसका असर ये भी हुआ कि राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या 77,895 से बढ़ाकर 90,712 कर दी गई है. बीएलओ की संख्या भी इसी अनुपात में बढ़ाई गई है.

बता दें कि आयोग ने साफ कहा है कि पारदर्शिता के साथ काम किया जा रहा है. साथ ही जनता को लगातार प्रेस विज्ञप्ति और विज्ञापन के जरिए जानकारी साझा की जा रही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष की खामोशी कब टूटती है और वो सूची की खामियों को लेकर कोई ठोस मुद्दा उठाते हैं या नहीं.

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