Ashok Gehlot : उदयपुर सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की मौजूदा स्थिति और जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी. प्रेस वार्ता से पहले उन्होंने कन्हैयालाल साहू के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की.
गहलोत ने कन्हैयालाल हत्या मामले का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने घटना के मात्र तीन घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके तुरंत बाद केंद्र सरकार की जांच एजेंसी एनआईए ने केस अपने हाथ में ले लिया, लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने इस घटना का चुनावी फायदा उठाया, लेकिन अब तक इंसाफ नहीं दिलाया गया.
गृह मंत्री ने नहीं दिया जवाब
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इस बारे में सवाल किया था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने बताया कि जब वह पीड़ित परिवार से मिले, तो परिजनों ने बताया कि एनआईए ने अब तक बच्चों के बयान भी पूरे नहीं लिए हैं. गहलोत ने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री 25 तारीख को राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं, तो उन्हें परिवार को यह बताना चाहिए कि दोषियों को सजा कब मिलेगी. गहलोत का आरोप है कि हत्यारों के भाजपा से संबंध होने के कारण केस को जानबूझकर उलझाया जा रहा है.
राइट टू हेल्थ एक्ट पर सरकार को घेरा
इसके अलावा गहलोत ने राइट टू हेल्थ एक्ट पर भी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि नियमों के निर्माण में देरी की जा रही है जिससे आम लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने पूछा कि सरकार किस कारण से जनता के अधिकारों को लागू करने में टालमटोल कर रही है.
अन्नपूर्णा राशन किट योजना बंद करने पर गहलोत ने भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते तो इस योजना को अपने नाम से भी जारी रख सकते थे, लेकिन इसे बंद कर आम जनता से राहत छीन ली गई.
शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियों का किया जिक्र
शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए गहलोत ने बताया कि उनकी सरकार द्वारा शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों और मुफ्त शिक्षा की वजह से ग्रामीण बच्चों को नए अवसर मिले हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि यह बच्चे भविष्य में राजस्थान का नाम रोशन करेंगे.
गहलोत ने कहा कि राजनीति में जनता के प्रति ईमानदारी सबसे बड़ी ताकत होती है. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान मुख्यमंत्री को सलाह देने वाले लोग राज्यहित की अनदेखी कर रहे हैं.
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