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Maharashtra : अजित पवार को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरना चाहिए : मनोज जरांगे

Maharashtra : मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने हजारों अन्य लोगों के साथ मिलकर राज्य के जालना से लेकर मुंबई तक विरोध प्रदर्शन शुरू किया। उनका यह प्रदर्शन अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर है। मार्च के तीसरे दिन अहमदनगर जिले के एक गांव में मनोज जरांगे ने पत्रकारों से बात-चीत की। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अजित पवार को मराठा समुदाय को आरक्षण देने में देरी को लेकर राज्य सरकार से सवाल पूछना चाहिए था।

आरक्षण देने में देरी क्यों हुई?

यह प्रदर्शन मनोज जरांगे के पैतृक गांव अंतरवाली सारती गांव से 20 जनवरी को 11 बजे शुरू हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि राज्य में मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाए ताकि समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि अजित पवार को मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरना चाहिए था। उन्हें पूछना चाहिए था कि आरक्षण देने में देरी क्यों हुई, लेकिन इसके बजाय वह इस मुद्दे के खिलाफ बोल रहे हैं।

आंदोलन को अब और टाला नहीं जा सकता

सनद रहे कि अजित पवार ने पिछले वर्ष जुलाई में अपने चाचा और एनसीपी संस्थापक शरद पवार के खिलाफ बगावत की और राज्य में एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए। जरांगे ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने उनकी रैलियों के खिलाफ बल प्रयोग करने की कोशिश की तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को अब और टाला नहीं जा सकता। अपनी मांगों के लिए रैलियां करना और मार्च करना लोकतंत्र के ढांचे के भीतर आता है। मैंने मुंबई में धरना प्रदर्शन की अनुमति भी मांगी है। जरांगे ने यह भी कहा कि वह राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत और चर्चा करने के लिए तैयार हैं।

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