
50 Years Of Emergency : आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर बीजेपी संविधान की हत्या दिवस मना रही है. इसी कड़ी में आपातकाल को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि ‘आपातकाल’ कांग्रेस की सत्ता की भूख का ‘अन्यायकाल’ था. 25 जून 1975 को लगे आपातकाल में देशवासियों ने जो पीड़ा और यातना सही, उसे नई पीढ़ी जान सके, इसी उद्देश्य से मोदी सरकार ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ का नाम दिया. यह दिवस बताता है कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है तो जनता उसे उखाड़ फेंकने की ताकत रखती है.
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आपातकाल कोई राष्ट्रीय आवश्यकता नहीं, बल्कि कांग्रेस और एक व्यक्ति की लोकतंत्रविरोधी मानसिकता का परिचायक था. प्रेस की स्वतंत्रता कुचली गई, न्यायपालिका के हाथ बांध दिए गए और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया. देशवासियों ने ‘सिंहासन खाली करो’ का शंखनाद किया और तानाशाही कांग्रेस को उखाड़ फेंका। इस संघर्ष में बलिदान देने वाले सभी वीरों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि.
मोदी जी ने संविधान हत्या दिवस मनाने का लिया निर्णय
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, आपातकाल से पहले की रात, आजादी के बाद की सबसे लंबी रात थी, क्योंकि, इसकी सुबह 21 महीने बाद हुई, जब देश का लोकतंत्र फिर से पुनर्जीवित हुआ. मोदी जी ने संविधान हत्या दिवस मनाने का निर्णय इसलिए लिया, ताकि देश की चिर स्मृति में यह बना रहे, जब कोई सरकार तानाशाह बनती है तो देश को कैसे भयानक दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं.
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