उद्धव ने ‘सामना’ में एकनाथ शिंदे पर कसे सियासी तंज, महाराष्ट्र की राजनीतिक हवाएं हुई गर्म

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महाराष्ट्र में फिर से एक बार सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। जिसने फिर से एक बार से राजनीतिक गर्माहट ने दस्तक दे दी है। आपको बता दें कि आज सामना में एक इंटरव्यू के दौरान उद्धव ने बड़े ही तीखे तल्ख में कहा है कि उनके साथ राजनीति का सबसे बड़ा विश्वासघात हुआ है। उद्धव ने बिना नाम लिए केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि दिल्ली ने कमजोर समय में महाराष्ट्र ने छुरा घोंपा है। उन्होंने ये भी कहा कि मेरी सरकार को गिराने की कहानी तब लिखी गई जब मैं अस्पताल में भर्ती था तब मैं हिल भी नहीं पा रहा था।

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उद्धव ने कहीं बड़ी बातें

उद्धव ने बड़े ही तंज भरे लहजे में कहा है कि मैं तो शिंदे को अपनी सरकार में मुख्यमंत्री बना भी देता। लेकिन उनके शैतानी इरादों को मैं पहले से ही भांप गया था। इतना ही नहीं उन्होंने सियासी प्रहार करते हुए कहा कि सड़े हुए पत्तों को पेड़ से गिर ही जाना चाहिए। जिन्हें पेड़ ने सब कुछ दिया, वे खुद ही पेड़ को छोड़कर जा रहे हैं। जिन्हें सबसे ज्यादा फायदा मिला, वही पार्टी छोड़कर गए। ये वो लोग थे, जो अपनी ही मां (असली शिवसेना) को निगल जाना चाहते हैं, लेकिन मां तो आखिर मां होती है। हम साधारण लोगों में से असाधारण लीडर्स बनाएंगे।’

शिंदे पर विश्वास करना हमारी सबसे बड़ी राजनीतिक भूल

इसी बयान के साथ उन्होंने बालासाहब ठाकरे पर एकाधिकार जमाते हुए शिंदे गुट से कहा कि वे लोग हमारे पिता जी की राजनीतिक विरासत के नाम से वोट मांगकर उनका नाम गंदा न करें। ये बातें पुर्व मुख्यमंत्री ने शिवसेना के मुखपत्र में दिए एक साक्षातकार में दिया है।

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