फटाफट पढ़ें
- उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे से मुलाकात की
- ठाकरे भाइयों की यह आठवीं बैठक रही
- दोनों दलों ने 2026 से पहले साझा आधार बनाया
- राज ठाकरे महाविकास अघाड़ी में शामिल नहीं
- कांग्रेस इस बार अपने दम पर चुनाव लड़ेगी
Maharashtra News : महाराष्ट्र में संभावित गठबंधन की अटकलों के बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार, 22 अक्टूर को अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात की. यह इस महीने उनकी चौथी मुलाकात थी.
शिवसेना (यूबीटी) के एक पदाधिकारी ने बताया कि उद्धव अपनी चाची और राज ठाकरे की मां कुंदा ठाकरे को उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिए ‘शिवतीर्थ’ गए थे.
ठाकरे भाइयों की 8वीं मुलाकात
कभी कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे ठाकरे भाइयों के बीच यह 8वीं मुलाकात है, जब वे जुलाई में महाराष्ट्र सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए एक साथ आए थे, जिसमें प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल किया गया था. दोनों चचेरे भाई और उनके परिवार पिछले सप्ताह शिवाजी पार्क में मनसे द्वारा आयोजित ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम के दौरान भी मिले थे.
ठाकरे भाइयों ने पुरानी कटुता पीछे छोड़ी
बता दें कि छोटे भाई राज ठाकरे ने 2005 में अविभाजित शिवसेना छोड़ दी थी और इसके लिए उद्धव को जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद उन्होंने अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई थी. हालांकि, 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों दलों को हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद दोनों नेताओं ने पुरानी कटुता को पीछे छोड़ते हुए आगे के लिए एक साझा आधार तलाशने का फैसला किया. शिवसेना (यूबीटी) और मनसे नेताओं ने कहा है कि महाराष्ट्र में 31 जनवरी 2026 से पहले होने वाले ग्रामीण और शहरी निकाय चुनावों से पहले दोनों दलों का एक साथ आना अब केवल औपचारिकता रह गई है.
कांग्रेस राज ठाकरे को नहीं आने देगी
महाराष्ट्र निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी राज ठाकरे को महाविकास अघाड़ी में शामिल नहीं होने देगी. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायवाड़ ने कहा ‘कानून का मजाक उड़ाने वालों के साथ हम नहीं आएंगे.’
इतना ही नहीं, कांग्रेस नेता भाई जगताप ने दावा कर दिया है कि महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन टिकेगा भी नहीं. उनका कहना है कि राज ठाकरे की बात तो छोड़िए, कांग्रेस उद्धव ठाकरे के साथ भी नहीं है. इस बार के निकाय चुनाव कांग्रेस अपने दम पर लड़ेगी.
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