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Supreme Court: मध्य प्रदेश के भिंड में पत्रकारों के साथ मारपीट, मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

Supreme Court: मध्य प्रदेश के भिंड में पत्रकारों की पिटाई करने वाले मामले में दो पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम याचिका दायर की है. जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट इसी सप्ताह इस मामले में सुनवाई करेगा. यह अग्रिम जमानत याचिका शशिकांत गोयल और अमरकांत चौहान की ओर से दायर की गई है.

पुलिस कार्यालय के अंदर पत्रकारों पिटाई

इस मामले को लेकर पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधीक्षक ने (एसपी) कार्यालय के अंदर उनकी बुरी तरह से पिटाई की थी. इस आरोप के बाद अब मध्य प्रदेश में भू-माफिया के खिलाफ रिपोर्टिंग के बाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी में है. दूसरी और याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील ने बताया कि पत्रकारों को पुलिस स्टेशन में पीटा गया है. यह बहुत गंभीर है, जिसके बाद से ही वह शरण लेने दिल्ली भाग गए हैं क्योंकि उन्हें झठी गिरफ्तारी का डर है.

सुप्रीम कोर्ट ने उठाया सवाल

हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए? वकील ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें सुरक्षा दे रखा है. कोर्ट ने पूछा कि हमें अब अखिल भारतीय मामलों पर विचार करना चाहिए, क्योंकि पत्रकार वहां हैं? जिसके बाद वकील ने जवाब देते हुए कहा कि उनकी जान को खतरा है.

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अवैध वसूली के खिलाफ की थी रिपोर्टिंग

दरअसल पत्रकारों ने बताया कि पुलिस की सह पर जिले में अवैध वसूली की जा रही थी. जिसके बाद पुलिस के खिलाफ ये खबर प्रकाशित की गई. बवाजूद इसके उन दोनों पत्रकारों के पुलिस ने पिटाई की. इतना ही नहीं पुलिस ने पत्रकारों और उनके परिजनों को झूठे केस में फंसाने की धमकी भी दी है.

पत्रकारों में भय का माहौल

एसपी व थाना प्रभारियों की अभद्रता और मारपीट के बाद पीड़ित पत्रकारों ने अपना घर बार भी छोड़ दिया है. मामले की पूरी जानकारी देते हुए पीड़ित पत्रकारों ने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव आवेदन देते हुए अपनी आपबीती सुनाई. दूरी और एक पत्रकार को फोन करते हुए पुलिस ने धमकी भी दी. जिसमें कहा गया कि फौरन इस खबर को डिलीट करो वरना अच्छा नहीं होगा. हालात अब ये हैं कि सभी पत्रकारों में भय का माहौल बना हुआ है. पुलिस के खिलाफ लिखने व कुछ कहने की जिला के किसी पत्रकारों की हिम्मत नहीं हो रही है.

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