
Bihar Badlao Yatra : राजद नेता और राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने सोमवार को ‘बिहार अधिकार यात्रा’ को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि यह कोई अलग या नई यात्रा नहीं है, बल्कि अब तक की सभी जन आंदोलनों का विस्तार है. उनके मुताबिक हर यात्रा के पीछे एक साफ मकसद रहा है और इस बार का उद्देश्य भी पूरी तरह स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि बिहार में बदलाव उन्हीं मुद्दों के आधार पर होगा जो सीधे जनता के जीवन से जुड़े हैं.
असली सवालों की तरफ ध्यान ले जाना मकसद
मनोज झा ने बताया कि इस यात्रा का मकसद है लोगों का ध्यान उन असली सवालों की ओर ले जाना जो बिहार की दशा और दिशा तय करते हैं. उन्होंने रोजगार, पलायन, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को राज्य की सबसे बड़ी चुनौतियां बताया. उन्होंने कहा कि इन्हीं बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए यह अभियान शुरू किया गया है.
पलायन की समस्या पर उन्होंने चिंता जताई और कहा कि बिहार के युवा बड़ी संख्या में रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जा रहे हैं. इससे न केवल राज्य की प्रतिभा बाहर जा रही है, बल्कि समाज पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है. उनका मानना है कि जब तक शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत नहीं किया जाएगा, तब तक राज्य का भविष्य उज्ज्वल नहीं हो सकता.
बदलाव के मूड में है बिहार
मनोज झा ने यह भी कहा कि इस यात्रा को केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम समझना गलत होगा. यह लोगों की उम्मीदों और उनकी आवाज को सामने लाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि बिहार अब बदलाव के मूड में है और यह बदलाव भावनात्मक मुद्दों पर नहीं, बल्कि ठोस नीतियों और वास्तविक समस्याओं के समाधान पर आधारित होगा.
राजद की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ हाल के दिनों में राज्य की विपक्षी राजनीति का अहम हिस्सा बन गई है. मनोज झा के बयान से साफ है कि पार्टी इस यात्रा के जरिए जनता से सीधे जुड़ने और 2025 के विधानसभा चुनाव में मजबूत जनाधार तैयार करने की रणनीति पर काम कर रही है.
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