
Bihar News : पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रख्यात रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जन सुराज की फंडिंग को लेकर लग रहे विवादों पर सफाई दी. उन्होंने बताया कि उनकी आमदनी मुख्य रूप से रणनीतिक सलाहकार के रूप में मिलने वाली फीस से होती है, जिसे वे ‘सरस्वती की कृपा’ से प्राप्त होने वाली ‘लक्ष्मी’ मानते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि वे बिहार में कमाई के लिए नहीं, बल्कि सेवा के उद्देश्य से आए हैं और खुद को नेता के रूप में नहीं देखते.
241 करोड़ रूपये की फीस ली
प्रशांत किशोर ने बताया कि 2021 से 2023 के बीच उन्होंने रणनीतिक सलाह के बदले 241 करोड़ रुपये की फीस ली है, जिस पर 18 प्रतिशत जीएसटी और लगभग 20 करोड़ रुपये इनकम टैक्स उन्होंने अदा किया है. अपनी आय से खर्च निकालने के बाद जो रकम बचती है, उसे वे अपनी पार्टी जन सुराज को दान करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक उन्होंने करीब 98 करोड़ रुपये पार्टी को दान किए हैं.
अशोक चौधरी पर लगए आरोप
इस दौरान उन्होंने जदयू के नेता अशोक चौधरी पर भी आरोप लगाए. किशोर ने कहा कि अशोक चौधरी की बेटी की शादी के बाद वैभव न्याय ट्रस्ट के माध्यम से 100 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की गई है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अशोक चौधरी मानहानि का नोटिस वापस नहीं लेते, तो वे 500 करोड़ रुपये के और खुलासे करेंगे. किशोर ने यह भी दावा किया कि पिछले आठ महीनों में 20 हजार करोड़ रुपये के अनुबंध दिए गए हैं, जिनमें 5 प्रतिशत की कटौती के पैसे लिए गए हैं.
सम्राट चौधरी पर भी लगाए गंभीर आरोप
प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने बताया कि सम्राट चौधरी 1995 के तारापुर हत्याकांड में आरोपी हैं और सजा से बचने के लिए खुद को नाबालिग बताने का प्रयास किया था. किशोर ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर सम्राट चौधरी की गिरफ्तारी की मांग करने की बात कही. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सम्राट चौधरी शिल्पी गौतम दुष्कर्म और हत्या मामले में नामजद थे, जिसे तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने दबा दिया था.
चुनाव लड़ने से डर रहे सम्राट चौधरी
किशोर ने कहा कि बिहार के कई नेता उन्हें चोर समझते हैं, लेकिन वे खुद चोरी नहीं करते. उन्होंने कहा कि ये नेता उनके आने से डरे हुए हैं और सम्राट चौधरी चुनाव लड़ने से डर रहे हैं. उन्होंने राज्यपाल से शिकायत करने और सम्राट चौधरी की गिरफ्तारी के लिए भी आग्रह किया. किशोर ने दोहराया कि वे बिहार के लिए मेहनत करने आए हैं, कमाने के लिए नहीं.
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