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साइनबोर्ड पर 60 फ़ीसदी कन्नड़ भाषा वाले रूल को लेकर बेंगलुरु में हंगामा, कई दुकानों में तोड़फोड़

Nameplates in Kannada: दुकानों में लगे साइनबोर्ड 60 फ़ीसदी कन्नड़ भाषा में न होने के विरोध में कन्नड़ रक्षना वेदिके (केआरवी) के सदस्यों ने बुधवार को बेंगलुरु में कई जगह तोड़फोड़ की. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दुकानों की लाइटों और बोर्ड को तोड़ने के लिए लाठियों का इस्तेमाल किया. पत्थरबाज़ी भी की. साथ ही कई कार्यकर्ता ‘न्याय चाहिए’ जैसे नारे लगा रहे हैं. इसके बाद पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की.

धीरे-धीरे कर एक साथ जुटे प्रदर्शनकारी

पहले कुछ कार्यकर्ता अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के सामने एक बड़े मॉल में जुटे और यहां पर एंट्रेंस गेट के साथ ही कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद छोटे-छोटे गुटों में कुछ कार्यकर्ता यूबी सिटी, चर्च स्ट्रीट, गोपालन मॉल जैसे मुख्य इलाकों में तोड़फोड़ करने लगे.

पिछले कुछ दिनों से वृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के अधिकारी दुकानदारों को ये कह रहे थे कि उनकी दुकानों के साइनबोर्ड 60 फ़ीसदी कन्नड़ भाषा और बाकी अंग्रेज़ी में होने चाहिए.

Nameplates in Kannada: कर्नाटक शॉप एंड इस्टैबलिशमेंट रूल्स, 1963 के प्रावधानों को लागू करें

केआरवी के संगठन सचिव अरुण जवागल ने मीडिया से कहा, “हम जगह-जगह जाकर दुकानदारों से नियमों का पालन करने के लिए कह रहे हैं. हमने बीबीएमपी से भी कहा है कि वह कर्नाटक शॉप एंड इस्टैबलिशमेंट रूल्स, 1963 के प्रावधानों को लागू करे.”

“लेकिन कुछ मॉल मालिकों ने हमें कानूनी नोटिस भेजा है और हमसे सवाल किया है कि हम उन्हें नियमों का पालन करने के लिए कहने वाले कौन हैं. अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे वाली सड़क पर मॉल ऑफ़ एशिया में प्रदर्शन शुरू होने का एक कारण ये भी है.”

पहचान ज़ाहिर न करने की शर्त पर ट्रेडर्स एसोसिएशन के एक सदस्य ने मीडिया से कहा, “हमें वाक़ई 60 फ़ीसदी कन्नड़ भाषा वाले साइनबोर्ड के नियम को लेकर जानकारी नहीं थी. हमने अपने सदस्यों को हाल में इस नियम को लागू करने के लिए कहा है.”

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस बारे में 25 दिसंबर को ट्वीट कर के दुकानदारों से कहा कि वह 28 फ़रवरी तक इस नियम का पालन करना शुरू कर दें.

अरुण जवागल ने कहा, “लेकिन केआरवी कुछ दुकानदारों के उस रवैये से नाखुश है, जिन्होंने हम पर सवाल उठाए और कहा कि वे टैक्स भरते हैं.”

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