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मणिपुर में स्थिति बिगड़ी, पांच जिलों में इंटरनेट बंद, मैतेई नेता की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन


Manipur News : मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगढ़ते हुए दिख रहे हैं. पुलिस ने एहतियातन पांच जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करने के साथ कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. बताया जा रहा है कि ये बवाल मैतेई समुदाय के नेता की गिरफ्तारी को लेकर शुरू हुआ है. मणिपुर के जिन जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है उनमें इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, बिष्णुपुर औऱ ककचिंग शामिल हैं.

वहीं प्रशासन को आशंका है कि कुछ असामिजिक तत्व सोशल मीडिया के माध्यम से भड़काऊ संदेश, तस्वीरें और वीडियो जारी कर हालात को और बिगाड़ सकते हैं. प्रदर्शनकारियों में अधिकतर युवा लोग शामिल हैं जो मैतेई स्वयंसेवी समूह अरम्बाई टेंगोल के सदस्य हैं, जिस पर कुकी जनजातियां जातीय संघर्ष के चरम पर उनके गाँवों पर हमला करने का आरोप लगाती हैं. सड़कों पर टायर जलाए और एटी नेता कानन सिंह की गिरफ्तारि के खिलाफ जमकर नारे बाजी की.

एक संदिग्ध की गिरफ्तारी के विरोध में किया गया

शनिवार रात इंफाल से आई तस्वीरों में भीड़ कानन सिंह की रिहाई की मांग करते हुए देखा गया. कई प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राज्यपाल ए.के. भल्ला के आदेश के बाद एटी ने अवैध और लूटे गए हथियार अधिकारियों को सौंप दिए और सुरक्षा गारंटी मिलने के बाद अब वे निहत्थे हैं. यह विरोध प्रदर्शन कुकी जनजातियों द्वारा सीमावर्ती शहर मोरेह से उनके समुदाय के एक संदिग्ध की गिरफ्तारी के विरोध में किया गया. उस पर अक्टूबर 2023 में एक पुलिस अधिकारी की हत्या करने का आरोप है. जिसे स्नाइपर राइफल से मारा गया था.

मनमाने तरिके से गिरफ्तारी का आरोप लगाया

कुकी नागरिक समाज समूहों ने मणिपुर पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद की हत्या के मामले में आरोपी कामगिनथांग गंगटे की “मनमाने तरिके से गिरफ्तारी” का आरोप लगाया है. इन समूहों ने इस मामले में गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए मोरेह टेंग्नौपाल जिले में बंद का आह्वान किया है.

एनआईए मणिपुर में कई मामलों की जांच कर रही

बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मणिपुर में कई मामलों की जांच कर रही है, जिनमें एटी प्रमुख कोरोंगनबा खुमान के खिलाफ मामला भी शामिल है. पुलिस सूत्रों के अनुसार राज्य में जातीय आधार पर गहरी दरारें है. इसलिए जब भी जांचकर्ता औपचारिक प्रक्रिया के तहत संदिग्धों को गिरफ्तार करने का प्रयास करते हैं, तो उन्हें दोनों समुदायों से भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है.

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