
Madhya Pradesh : मध्यप्रदेश समृद्ध अर्थव्यवस्था विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर राज्य सरकार की निवेशक-अनुकूल नीतियों और विशेष प्रोत्साहन योजनाओं के कारण देश-विदेश के उद्यमियों के लिए निवेश का प्रमुख स्थल बन गया है।
देश-विदेश के उद्यमियों को निवेश के अवसरों से रूबरू कराने के उद्देश्य से राजधानी भोपाल में दो दिवसीय जीआईएस-2025 का आयोजन किया जा रहा है। GIS 2024 का शुभारम्भ 24 फरवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
अनुकूल माहौल बनाने के लिये प्रतिबद्ध
इस ‘महाकुंभ’ में दुनिया भर से आने वाले निवेशकों का समागम होगा। व्यापार और उद्योग अनुकूल माहौल बनाने के लिये प्रतिबद्ध मध्यप्रदेश सभी उद्यमियों के लिए निवेश के अपार अवसर और उसके बाद दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करने के प्रति संकल्पित है।
बिजनेस में चौथे स्थान पर
मध्यप्रदेश पर्यटन फार्मास्युटिकल्स ऑटोमोबाइल खनन डेयरी और खाद्य प्र-संस्करण जैसे क्षेत्रों के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। मध्यप्रदेश एक्सपोर्ट प्रिपेअर्डनेस इंडेक्स में देश के शीर्ष दस राज्यों में और विश्व बैंक द्वारा आयोजित ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस में चौथे स्थान पर है।
खनिज संसाधनों का भण्डार
मध्यप्रदेश में कोयला हीरा तांबा लौह अयस्क और ग्रेफाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों का भण्डार है। मध्यप्रदेश देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यहां देश भर के सबसे बड़े क्षेत्र में जैविक खेती की जाती है। भारत के कुल जैविक उत्पादन का 27% मध्यप्रदेश में होता है।
उद्योगों के लिए विकसित किए
मध्यप्रदेश में निवेशकों के लिए 1.25 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की औद्योगिक भूमि-बैंक है। इसमें से 19,011 हेक्टेयर क्षेत्र उद्योगों के लिए विकसित किए जा चुके हैं । राज्य में 76 विकसित 19 विकासाधीन और 13 प्रस्तावित भूमि-बैंक हैं जो 5 ग्रोथ सेंटर्स में फैले 79 भूखंडों में वितरित हैं।
राज्य में 5 लाख किलोमीटर से अधिक
मध्यप्रदेश ने अपने सड़क नेटवर्क के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्य में 5 लाख किलोमीटर से अधिक लंबाई का सड़क नेटवर्क है जिसमें 46 राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं।
यह देश के राष्ट्रीय राजमार्गों का 6.6% और राज्य-राजमार्गों का लगभग 6.4% है। राज्य में प्रतिदिन 550 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है । मध्यप्रदेश 5वां सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क वाला राज्य है।
आकर्षक नीतियां बनाई गई
राज्य में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक नीतियां बनाई गई हैं। इनमें संयंत्र और मशीनरी में निवेश पर 40% तक इन्वेस्टमेंट प्रोत्साहन सहायता रोजगार सृजन पर 1.5 गुना पूंजी सब्सिडी निर्यात पर 1.2 गुना पूंजी सब्सिडी और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए 1.2 गुना पूंजी सब्सिडी शामिल है।
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