
Kultar Singh to Central Government : पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने गैर-भाजपा शासित राज्यों के स्पीकरों को अमेरिका में हो रहे नेशनल लेजिस्लेटर कॉन्फ्रेंस में भाग लेने की अनुमति न देना दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा हर मामले में राजनीति करना राज्यों और देश की भलाई एवं प्रगति के लिए बेहद खतरनाक रवैया है. कहा कि पंजाब को खेलों के लिए आवश्यक फंड उपलब्ध न करवाने की अपनी गलती और भेदभाव के अपराधबोध के कारण मुख्यमंत्री पंजाब को पेरिस जाने से रोका गया है.
पंजाब विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि यदि देश के विधायक, सांसद और चुने हुए नेता ज्ञानवान होंगे, तभी राज्य और देश प्रगति कर सकते हैं। संधवां ने भाजपा द्वारा हर मामले में राजनीति को राज्यों और देश की भलाई एवं प्रगति के लिए खतरनाक रवैया बताते हुए कहा कि ज्ञान का आदान-प्रदान करने के लिए अमेरिका में 3000 से अधिक विधायकों को इकट्ठा होना था।
उन्होंने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर दुनिया के प्रभावशाली लोकतंत्र अमेरिका और अन्य देशों के प्रतिनिधियों से मिल-बैठकर विचार-विमर्श होना था। उनसे कुछ अच्छी बातें सीखनी थीं और अपनी कुछ अच्छी बातें उन्हें बतानी थीं।
संधवां ने कहा कि पंजाब, हिमाचल, कर्नाटक और केरल के स्पीकरों को अमेरिका जाने की अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भी भाजपा विरोधी सरकारें हैं, उनके स्पीकरों को अमेरिका जाने से रोक दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि देश को सशक्त तभी किया जा सकता है, यदि देश की राजनीति सही होगी। केंद्र की भाजपा सरकार ये कार्रवाइयां जानबूझकर कर रही है, क्योंकि भाजपा देश को ताकतवर नहीं बनाना चाहती।
उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि देश को ताकतवर बनाने के लिए राजनीति को सेवा भावना से करना अत्यंत आवश्यक है। स्पीकर तो सभी पार्टियों के लिए समान और निष्पक्ष होता है, लेकिन भाजपा अपने अलग रास्ते पर चल रही है, जो देशहित में बिल्कुल भी नहीं है।
‘CM पंजाब को भी पेरिस जाने से रोका गया’
संधवां ने आगे कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को भी पेरिस जाने से रोका गया है। एक के बाद एक रोक लगाई जा रही है और ये रोकें समझ से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब के खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ भी नहीं दिया. जबकि कुछ राज्यों को बड़े-बड़े फंड दिए गए हैं।
अन्य राज्यों के खिलाड़ियों को भी सक्षम बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के लिए समान खेल नीति देश, राज्यों और खिलाड़ियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि अन्य राज्यों के खिलाड़ी भी मेडल जीतने के योग्य हैं और जीत भी रहे हैं। संधवां ने आगे कहा कि देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी, जिसमें बड़ी संख्या में पंजाब के खिलाड़ी हैं, इसी हॉकी टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया को 52 साल बाद शानदार खेल दिखाकर हराया है।
उन्होंने कहा कि हॉकी टीम का मनोबल बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री पंजाब ने पेरिस जाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह है कि भाजपा को कहीं न कहीं पंजाब को खेलों के लिए आवश्यक फंड उपलब्ध न करवाने की अपनी गलती का एहसास हुआ है और पंजाब राज्य के साथ किए गए भेदभाव और अन्याय के इस अपराधबोध के कारण मुख्यमंत्री पंजाब को पेरिस जाने से रोका गया है।
रिपोर्टः अमित कुमार, संवाददाता, चंडीगढ़
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