Uttarakhandबड़ी ख़बर

केदारनाथ यात्रा से आया अरबों का पैसा! 48 दिन में हुआ बंपर कारोबार, जानिए किसने कितना कमाया ?

Kedarnath Yatra 2025 : श्री केदारनाथ धाम यात्रा हर वर्ष नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. एक ओर जहां बाबा केदारनाथ के दर्शन को देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है, वहीं स्थानीय लोगों को भी इस यात्रा से रोजगार का निरंतर लाभ मिल रहा है. बाबा के कपाट खुले हुए 48 दिन पूरे हो चुके हैं और इस अवधि में घोड़े-खच्चर, हेली, डंडी-कंडी, होटल एवं रेस्तरां व्यवसाय से लगभग तीन अरब रुपए का कारोबार हो चुका है. स्थानीय व्यापारी, महिला स्वयं सहायता समूह, टैक्सी ऑपरेटर और अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों को बढ़ती यात्रा से सीधा लाभ मिल रहा है. प्रशासन भी अपनी व्यवस्थाएं लगातार दुरुस्त कर रहा है.

11 लाख 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा के दर्शन

2025 की यात्रा के लिए 2 मई को बाबा केदारनाथ के कपाट खुले थे. बाबा के कपाट खुले 48 दिन का समय पूर्ण हो चुका है. बाबा के दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या 11 लाख 40 हजार पार हो चुकी है। पिछले एक महीने का औसत निकला जाए तो प्रतिदिन पौने 24 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को केदारपुरी पहुंचे हैं.

घोड़ा-खच्चर संचालन से लगभग 67 करोड़ रुपए की आय

करीब 20 किलोमीटर के कठिन पैदल मार्ग में घोड़ा-खच्चर अहम भूमिका निभाते हैं. 18 जून तक 2,27,614 तीर्थयात्री इनकी सहायता से पहुंचे जिससे 66 करोड़ 73 लाख 90 हजार 350 रुपये की आय हुई है. लगभग 8,000 घोड़े-खच्चर पंजीकृत हैं. इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते कुछ दिन संचालन प्रभावित रहा.

हेली सेवाओं से 60 करोड़ रुपए का कारोबार

8 हेली कंपनियां 9 हेलीपैड से सेवा दे रही हैं. 18 जून तक 49,247 श्रद्धालु हेली से पहुंचे हैं जिससे 60 करोड़ रुपए की आय हुई है. रेस्क्यू ऑपरेशन में भी हेली सेवाएं उपयोगी हैं. श्रद्धालुओं को केवल IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट से बुकिंग की अपील की गई है.

डंडी-कंडी से 2 करोड़ से अधिक की आय

वहीं पैदल चलने में असमर्थ कई भक्त डंडी कंडी की जगह डंडी- कंडी से यात्रा करना पसंद करते हैं। वहीं छोटे बच्चों के लिहाज से भी यह ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. इसके अलावा कई श्रद्धालु खुद पैदल यात्रा कर केवल समान डंडी- कंडी की मदद से केदारपुरी पहुंचा देते हैं. अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत रुद्रप्रयाग संजय कुमार ने बताया कि इस वर्ष की यात्रा के लिए 7000 से अधिक डंडी-कंडी संचालक पंजीकृत हैं. 18 जून तक डंडी-कंडी से 2.02 करोड़ की आय हुई। साथ ही गंदगी और नियम उल्लंघन पर 4.17 लाख का अर्थदंड भी वसूला गया.

टैक्सी संचालन से करीब 14.5 करोड़ की आय

अब तक 7 लाख से अधिक श्रद्धालु श्री केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं हर यात्री को 50 रुपए जाने एवं 50 रुपए वापस सोनप्रयाग आने के चुकाता है. 18 जून तक 11 लाख 40 हजार श्रद्धालु धाम में पहुंच चुके हैं यानी अब तक टैक्सी संचालक करीब 11 करोड़ 40 हजार रुपए शटल सेवा के माध्यम से अर्जित कर चुके हैं. 225 गाड़ियां सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक शटल सेवा दे रही हैं. हर यात्री को ₹50 एक तरफ का किराया देना होता है. 11.4 लाख यात्रियों के हिसाब से 11.4 करोड़ से अधिक की कमाई हुई है. विशेष रूप से बुजुर्गों और महिलाओं के लिए 25 गाड़ियां आरक्षित की गई हैं.

होटल-रेस्तरां और टेंट से 150 करोड़ से अधिक का कारोबार

श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग से लेकर केदारपुरी तक स्थानीय लोगों के सैकड़ों होटल, टेंट एवं रेस्तरां हैं जिनमें ठहरने एवं खाने के लिए श्रद्धालु रुकते हैं. व्यापार संघ अध्यक्ष गौरीकुंड रामचंद्र गोस्वामी ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम यात्रा का स्वरूप हर वर्ष बढ़ता जा रहा है. गौरीकुंड से केदारपुरी तक 2000 से अधिक होटल, टेंट, रेस्तरां आदि हैं. अकेले गौरीकुंड में 350 प्रतिष्ठान हैं। प्रति यात्री औसतन 1500-2000 खर्च मानें तो अब तक का कारोबार 150 करोड़ से अधिक पहुंच चुका है. जीएमवीएन के 15 प्रतिष्ठानों ने भी 5 करोड़ का कारोबार किया है.

यह भी पढ़ें : केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद बड़ा फैसला, चार धाम यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवा पर रोक

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Related Articles

Back to top button