
Freedom Fighter : भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता और सामाजिक सुधारक लाला लाजपत राय। भारतीय समाज में सामाजिक और राजनीतिक सुधार लाने के लिए उन्होंने कई प्रयास किए। वे एक प्रखर समाज सुधारक थे। उन्होंने समाज में व्याप्त जातिवाद और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। ‘पंजाबी पत्रिका’ और ‘द इंडियन स्ट्रगल’ जैसी पत्रिकाओं के माध्यम से भारतीय समाज और राजनीति के मुद्दों को उठाया।
लाला लाजपत राय द्वारा किए गए आंदोलन
लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रहे थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 20वीं सदी की शुरुआत में लाला लाजपत राय ने स्वतंत्रता संग्राम में प्रवेश किया था। महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से अपनी भागे दारी निभाई। इसके बाद लाला लाजपत राय के नेतृत्व में पंजाब में बहुत से आंदोलनों का आयोजन किया गया। जिनमें दो प्रमुख आंदोलन थे, स्वदेशी आंदोलन का उद्देश्य भारतीय वस्त्र और उत्पादों को बढ़ावा देना था। इसके अलावा बायकॉट आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश वस्त्रों और उत्पादों का बहिष्कार किया था।
लाला लाजपत राय की जीवनी
पंजाब के मंझीरा गाँव में 28 जनवरी 1865 को लाला लाजपत राय का जन्म का जन्म हुआ था। 1919 में रॉलेट एक्ट के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए। 1928 में साइमन कमीशन का विरोध में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। साइमन कमीशन ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीय संविधान सुधार के खिलाफ प्रदर्शन और बहिष्कार किया। प्रदर्शनकारियों पर ब्रिटिश पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया। जिसमें लाला लाजपत राय को गंभीर चोटें आईं और उनकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया।
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