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भाजपा से मांग, साउथ जोन के भाजपा के चेयरमैन पर लगे अश्लीलता और 70 लाख रुपए रिश्वत देने के आरोपों की जांच कराए : सौरभ भारद्वाज

Delhi : आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को भाजपा के एक बड़े झूठ का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि भाजपा अपनी महिला पार्षद के नाम से पत्र दिखाकर साउथ जोन के चेयरमैन पर लगे अश्लीलता व भ्रष्टाचार के आरोपों को छिपा रही है। महिला पार्षद ने साउथ जोन के चेयरमैन पर अश्लील बातें करने और चेयरमैन पद लेने के लिए भाजपा के किसी नेता को 70 लाख रुपए रिश्वत देने का आरोप लगाते हुए मेयर राजा इकबाल सिंह को पत्र लिखा है।

उन्होंने कहा कि अब मेयर कह रहे हैं कि पार्षद ने उन्हें पत्र लिखकर कहा है कि सोशल मीडिया में घूम रहा उनका पत्र झूठा है। सौरभ भारद्वाज ने मेयर के दावे को फर्जी बताते हुए कहा कि मेयर द्वारा जारी पत्र में ”अनीता सिंघल” नाम से हस्ताक्षर है, जबकि वह अपने हस्ताक्षर में सिर्फ “अनीता” लिखती है। भाजपा से मांग है कि चेयरमैन पर लगे अश्लीलता और 70 लाख रुपए रिश्वत देने के आरोपों की जांच कराए।

शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा की एक पार्षद ने अपने ही साउथ जोन के चेयरमैन उमेद फोगाट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्षद का एक आरोप अश्लील इशारे करने और गंदी-भद्दी गालियां देने से संबंधित है। जबकि दूसरा आरोप भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है, जो भाजपा की मूल विचारधारा को कटघरे में खड़ा करता है। पार्षद का कहना है कि उमेद फोगाट ने दक्षिण दिल्ली जोन का चेयरमैन बनने के लिए भाजपा को 70 लाख रुपए दिए। यह आरोप बहुत गंभीर है। अब यह सवाल उठता है कि उमेद फोगाट से 70 लाख रुपए किसने लिए? भाजपा दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा समेत कई बड़े नेता कटघरे में आते हैं।

‘मैं इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहता था’

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैंने पिछली प्रेसवार्ता में उस महिला पार्षद का एक बार भी नाम नहीं लिया, और ना तो मैंने उस पार्षद का पत्र मीडिया को दिखाया। क्योंकि मैं इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहता था। इसके बावजूद भाजपा दबाव में आ गई और आनन-फानन में भाजपा प्रदेश कार्यालय में मेयर द्वारा एक पत्र जारी किया गया। मेयर ने कहा कि उक्त महिला पार्षद ने मुझे पत्र लिखकर कहा है कि उसने ऐसा कोई आरोप कभी नहीं लगाए। मेयर का कहना है कि महिला पार्षद ने मुझे पत्र लिखकर कहा है कि उनका जो पत्र मीडिया में घूम रहा है, वह नकली है।

भाजपा आज भ्रष्टाचार को छिपाने में लगी

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब कोई झूठ पकड़ा जाता है, तो उसे छिपाने के लिए 100 झूठ और बोले जाते हैं। हर झूठ पकड़ा जाता है, क्योंकि उसकी बुनियाद ही झूठ पर टिकी है। यह बहुत शर्म की बात है कि चाल, चरित्र, चेहरे का नारा देने वाली भाजपा आज भ्रष्टाचार को छिपाने में लगी है। अगर किसी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, तो मेयर का उसकी जांच करानी चाहिए थी। हो सकता है कि कहीं पैसे का लेन-देन हुआ हो, लेकिन भाजपा को इसकी कोई परवाह नहीं। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से कहा कि अगर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में थोड़ी-सी भी गरिमा बची है, तो वह इस भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कराए और देखे कि दिल्ली में क्या हो रहा है?

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शुक्रवार को जब कई मीडिया में इस शिकायत को लेकर खबरें छपी तब मैने प्रेसवार्ता की। मीडिया में भाजपा महिला पार्षद की शिकायत को लेकर विस्तार से खबर छपी है। मीडिया मंें यह भी आया है कि भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी के घर लंच प्रोग्राम के दौरान महिला पार्षद अनिता सिंघल के पति और साउथ जोन के चेयरमैन उमेद फोगाट के बीच हाथपाईं भी हुई। अब मेयर ने महिला पार्षद के नाम का पत्र भी मीडिया में जारी कर दिया है। मेयर राजा इकबाल सिंह ने मीडिया में बयान भी दिया है कि वह दोनों पार्षदों से बात करेंगे। गुरुवार की शाम को ही मेयर राजा इकबाल सिंह को भाजपा की महिला पार्षद की शिकायत मिल चुकी थी। फिर भी भाजपा इस आरोप को झूठ कैसे बता रही है। जबकि झगड़े की वीडियो भी सार्वजनिक डोमेन में है।

उनके आरोप झूठे

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अब भाजपा इस मामले में लीपापोती कर रही है। भाजपा कह रही है कि महिला पार्षद ने पत्र लिखकर दिया है, जिसमें उसने कहा कि उनके आरोप झूठे हैं। इसमे कोई सच्चाई नहीं है। सौरभ भारद्वाज ने महिला अनीता सिंघल द्वारा मेयर को लिखे गए पत्र को दिखाते हुए कहा कि अनीता सिंघल ने अपने पत्र में उमेद फोगाट पर अश्लील बातें करने, गालियां देने और साउथ जोन का चेयरमैन बनने के लिए पार्टी को 70 लाख रुपए की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। यह पत्र 18 जून का है। इसके बाद शुक्रवार को मेयर राजा इकबाल सिंह ने मीडिया में एक पत्र जारी किया और कहा कि अनिता सिंघल ने खुद मुझे पत्र लिख कर कहा है कि उनका जो पत्र मीडिया में घूम रहा है, वह झूठा है।

सौरभ भारद्वाज ने पार्षद अनीता सिंघल द्वारा मेयर को लिखे पत्र और मेयर द्वारा मीडिया में जारी पत्र को दिखाते हुए कहा कि दोनों पत्रों के हस्ताक्षर में फर्क है। अनीता सिंघल हस्ताक्ष में अपना नाम अनीता सिंघल नहीं लिखती हैं, सिर्फ अनीता लिखती हैं। उनकी मोहर पर भी सिर्फ “अनीता” लिखा है। सोशल मीडिया में जो पत्र वायरल है, उसमें सिर्फ अनीता लिखा हुआ है। क्योंकि उनकी मोहर पर नाम भी सिर्फ अनीता है। वहीं, शुक्रवार को मेयर द्वारा मीडिया को दिया गया है, उसमें बहुत ही साधारण हैंड राइटिंग में अनीता सिंघल लिखा हुआ है। इससे साफ है कि शुक्रवार को मेयर द्वारा जारी पत्र में अनीता सिंघल के हस्ताक्षर नहीं है। अनीता सिंघल के हस्ताक्षर को लेकर पैदा हुई असमंजस की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए मैंने उनके ऑफिस से 14 सितंबर 2024 का एक पुराना पत्र मंगवा कर मिलान किया। उन्होंने यह पत्र बिजली का मीटर लगाने को लेकर लिखा है। इसमें भी हस्ताक्षर में सिर्फ अनीता लिखा है।

भाजपा में भ्रष्टाचार की जांच करने की नीयत नहीं

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा जितना चोरी छिपाएगी, वह उतना ही बाहर आएगी। एक महिला पार्षद का करियर भाजपा के हाथ में है। भाजपा उसे धमकी देकर दूसरा पत्र लिखवा सकती है। पुलिस, ईडी और सीबीआई सब भाजपा की है। एक महिला ने शिकायत करती है, जब विपक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है, तो भाजपा पैनिक में आकर नए हस्ताक्षर का पत्र जारी कर देती है। यह बेहद शर्मनाक है। इससे सिर्फ यही नहीं पता चलता है कि भाजपा में भ्रष्टाचार है, बल्कि यह भी पता चलता है कि भाजपा में भ्रष्टाचार की जांच करने की नीयत नहीं है। सिर्फ दाल में काला नहीं है, पूरी दाल काली है। अगर वीरेंद्र सचदेवा की जगह कोई ईमानदार व्यक्ति होता, तो वह इसकी जांच कराता। अनीता सिंघल के व्हाट्सएप स्टेटस पर उनका शिकायती पत्र कुछ देर के लिए था। यह पत्र उनके फोन से कई लोगों को भेजा गया। भाजपा को दुनिया को बेवकूफ समझना बंद करना चाहिए।

सौरभ भारद्वाज ने हाथापाईं का वीडियो दिखाते हुए कहा कि यह वीडियो भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी के घर पर आयोजित लंच के दौरान का है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 साल पूरे होने पर रखा गया था। वहां कई विधायक और पार्षद मौजूद थे। अनीता सिंघल के पति और उनके रिश्तेदार की उमेद फोगाट के बीच कहासुनी, गाली-गलौज, लाल और फिर हाथापाई हुई। भाजपा विधायक चंदन चौधरी सहित कुछ नेताओं ने बीच बचाव किया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। यह सीधा-सीधा आपराधिक मामला है। पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए और 70 लाख रुपए के रिश्वत के आरोप की सीबीआई जांच होनी चाहिए।

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