Chhattisgarh

Chhattisgarh: नाविक इंडस्ट्री का सरपंच सहित ग्रामीणों का विरोध, खेती गंवाकर नहीं चाहिए उद्योग

Chhattisgarh जिला बेमेतरा में सरकार ने ग्राम रांका, बोरिया, सरदा, मुड़पार, कण्डरका, नेवनारा झिरिया जैसे 10 स्पंज आयरन फैक्ट्रियों का अनुबंध किया है। जिसमे से ग्राम झिरिया में लगने वाले नाविक पावर एंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की 13 अप्रैल को जन सुनवाई होगी। इसके पहले ही 85 गांवों में से लगभग 15 गांव के सरपंच सहित ग्रामीणों ने लामबंद होकर फैक्ट्री का विरोध शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर पी एस एल्मा को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भी सौप चुके हैं। ग्रामीणों का एक स्वर में कहना है…खेती गवाकर नहीं चाहिए हमे एडस्ट्री। इसके पहले सिलतरा उरला जैसे इंडस्ट्री वाले जगहों को वे देख चुके हैं।

जहां जमीन बंजर हो चुकी है। वहां की हवा दूषित हो गई है,जमीन के ऊपर काली मोटी परत जम गई है, लोग तरह तरह के त्वचा रोग व स्वांस रोग से पीड़ित हो गए हैं। किसान संघ जिला संयोजक प्रमिल तिवारी ने उक्त बातें आज बिटकूली बाड़ा में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने सरपंचों की उपस्थिति में आगे कहा पूर्व में स्थापित मत्स्य पालन उद्योग,मुर्गी पालन उद्योग के प्रदूषण से पीड़ित है।

स्थापित करने से पहले ग्रामीणों को कहा गया था रोजगार मिलेगा। लेकिन रोजगार निर्माण कार्य के पूरा होने तक ही सीमित रहा उसके बाद अन्य प्रदेश से मजदूर लाकर काम कराया जा रहा है। 15 सरपंच सहित 300 से अधिक ग्रामीणो का हस्ताक्षर अभियान करके कलेक्टर को ज्ञापन दे चुके। उसके बाद भी कोई प्रकार की ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

रिपोट – दुर्गा प्रसाद सेन

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