राष्ट्रीय

गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 सर्वे में AAP को बढ़त, लेकिन BJP सत्ता के करीब

गुजरात में विधानसभा चुनाव में महज 2 महीने का वक्त बचा है। चुनाव आयोग तैयारियों का जायजा ले चुका है और जल्द ही चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकता है। चुनावी बिगुल बजने से पहले ही राज्य में प्रचार अभियान जोर पकड़ चुका है। भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला देखते रहे इस राज्य में पहली बार सभी सीटों पर आम आदमी पार्टी भी चुनाव लड़ रही है। इस त्रिकोणीय मुकाबले को लेकर ताजा सर्वे में दिलचस्प आंकड़े बताए गए हैं।

सर्वे की मानें तो 182 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा एक बार फिर सत्ता पर काबिज हो सकती है। पीएम मोदी के गृहराज्य में पिछले 27 सालों से भाजपा शासन में है और इस बार पार्टी को जबर्दस्त सफलता मिलती दिख रही है। सर्वे के मुताबिक भाजपा 135 से 143 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। पिछली बार 99 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 36-44 सीटों पर सिमट सकती है। वहीं अरविंद केजरीवाल की कड़ी मेहनत के बावजूद ‘आप’ को 0-2 सीटें मिलने का ही अनुमान लगाया गया है। 0-3 सीटों पर अन्य को सफलता मिल सकती है।

वोट शेयर की बात की जाए तो बीजेपी को 2017 विधानसभा चुनाव के मुकाबले कुछ नुकसान होता दिख रहा है। वहीं, आम आदमी पार्टी कांग्रेस के बड़े वोट शेयर को झटक सकती है। बीजेपी को इस बार 46.8 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान जताया गया है, जबकि 2019 में पार्टी को 49.1 फीसदी वोट शेयर मिले थे। कांग्रेस को इस बार 32.3 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है, जबकि 5 साल पहले पार्टी को 41.4 फीसदी वोट मिले थे।

केजरीवाल की पार्टी को 17.4 फीसदी वोट मिल सकते हैं। ‘आप’ की मजबूती से कांग्रेस को 9.1 फीसदी वोट शेयर का नुकसान होता दिख रहा है। वहीं, बीजपी का वोट शेयर 2.3 फीसदी ही कम होने का अनुमान है। इस लिहाज से देखा जाए तो केजरीवाल की पार्टी कांग्रेस के लिए ज्यादा बड़ी टेंशन बन सकती है।

2017 में निराशजनक होने के बाद आप पार्टी ने की लगातार मेहनत

2017 में आम आदमी पार्टी ने पहली बार गुजरात में एंट्री की थी। तब पार्टी ने 29 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे और प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। पार्टी को इन 29 सीटों पर 29517 वोट मिले थे जोकि नोटा से भी बेहद कम था। इन सीटों पर 75,880 लोगों ने नोटा का बटन दबताया था। 2017 के निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद केजरीवाल की पार्टी गुजरात में लगातार मेहनत करती रही।

पार्टी ने अपने संगठन को काफी मजबूत किया है तो केजरीवाल समेत पार्टी के बड़े नेताओं ने यहां बार-बार दौरे करते हुए ‘दिल्ली मॉडल’ के सहारे जनता के सामने तीसरा विकल्प पेश करने की कोशिश की है। यदि चुनाव परिणाम ओपिनियन पोल जैसे रहे तब भी वोट शेयर के मामले में ‘आप’ की सफलता बेहद खास होगी।

Related Articles

Back to top button