Uddhav Raj Thackeray Alliance : महाराष्ट्र की राजनीति में बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना एक बार फिर से मजबूती के साथ उभरती नजर आ रही है. करीब दो दशक बाद ठाकरे परिवार फिर से एक मंच पर दिखाई दे रहा है. बाल ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ाने वाले उनके बेटे उद्धव ठाकरे और भतीजे राज ठाकरे ने 2026 के बीएमसी चुनाव से पहले बड़ा सियासी कदम उठाते हुए गंठबंधन की घोषणा कर दी है. इस फैसले का दोनों दलों के कार्यकर्ता को लंबे समय से इंतजार था, जिससे पार्टी कार्यालयों में उत्साह और जश्न का माहौल बन गया है.
बता दें कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने शिवतीर्थ पर एक साथ प्रेस कांफ्रेंस कर गठबंधन का ऐलान किया है. दोनों दलों के नेताओं का मानना है कि इसके साथ ही एक ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत हो गई है.
मराठी मानुष के लिए मंगल दिन
उद्धव गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत का कहना है, “आज का दिन मराठी मानुष के लिए मंगलमय है. मुझे वह दिन याद आता है जब संयुक्त महाराष्ट्र का मंगल कलश आया था. आज भी राज और उद्धव मराठी मानुष के लिए मंगल कलश लेकर आ रहे हैं.”
सबसे खास बात यह रही कि ठाकरे भाइयों के एकजुट होने की घोषणा बालासाहेब ठाकरे के पोस्टर के सामने की गई. इस पोस्टर में न तो उद्धव ठाकरे की तस्वीर दिखी और न ही राज ठाकरे की. दोनों दलों के चुनाव चिन्हों के बीच केवल बालासाहेब ठाकरे का चेहरा ही दिखाया गया, जो इस गठबंधन की भावनात्मक और वैचारिक जड़ों को दर्शाता है.
सीट बंटवारे पर संजय राउत का फॉर्मूला
उद्धव और राज ठाकरे के गठबंधन के बाद शिवसेना यूबीटी की ओर से यह भी संकेत दिए गए कि कांग्रेस और शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को भी साथ आना चाहिए. संजय राउत ने आगे कहा, “गठबंधन या महागठबंधन में हर बार मनचाही चीज नहीं मिलती. व्यक्तियों के प्रेम में न पड़कर सीटों का बंटवारा करना होता है. जो जीत सकता है, उसे सीट मिले, इसी आधार पर सीटों का बंटवारा तय किया जाना चाहिए.
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