Mumbai Air Pollution : मुंबई में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है, जिसको लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त भूषण गगरानी कोर्ट में पेश हुए। अदालत पहले ही कह चुकी है कि शहर में प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विशेष समिति बनाने के दिए आदेश
अदालत ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीर लापरवाही दिखाई है। जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट शहर की हवा की गुणवत्ता को लेकर कई याचिकाओं की नियमित सुनवाई कर रहा है। हाल ही में अदालत ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक विशेष समिति बनाने का भी आदेश दिया है। इस समिति में पर्यावरण विशेषज्ञ, IIT के जानकार और राज्य सरकार के एक सेवानिवृत्त प्रधान सचिव शामिल हैं।
नियमों का नहीं कर रहे थे पालन
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कई गंभीर मुद्दे उठाए। समिति की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई लगभग 50-60% वायु प्रदूषण निर्माण स्थलों से आता है। BMC के नियमों के अधार पर सभी निर्माण स्थलों को ढकना, नियमित रूप से पानी छिड़कना और ट्रकों पर CCTV मॉनिटरिंग करना जरूरी है। इसके बावजूद 7 बड़े निर्माण स्थल इन नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
BMC ने देर से किया सर्कुलर जारी
हाईकोर्ट ने 9 जनवरी 2025 को कड़े निर्देश जारी किए थे, लेकिन BMC ने 6 नवंबर को देर से सर्कुलर जारी किया। समिति ने केवल बड़े निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया, जबकि दावा किया गया कि सभी स्थलों की जांच की गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
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