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ना हाथ उठाया, ना वार किया, टीचर ने ऐसे ले ली मासूम छात्रा की जान

Palghar Student Death : महाराष्ट्र के पालघर से एक दर्दनाक खबर सामने आई है जहां, शिक्षक की सजा ने एक मासूम की जान ले ली। वैसे तो आए दिन शिक्षक की मार से छात्र के मौत की खबर सामने आती रहती है, लेकिन इस बार का मामला ऐसा है जहां, शिक्षक ने ना तो हाथ उठाया और ना ही किसी तरीके से घातक वार किए, लेकिन मासूम की जान चली गई। आखिर कैसे ?

टीचर ने किया उठक-बैठक के लिए मजबूर  

दरअसल, आरोप है कि महिला टीचर ने 13 साल की मासूम छात्रा को स्कूल देर से आने पर पीठ पर टंगे बैग के साथ 100 उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया था। जिसके बाद बच्ची की हालत बिगड़ गई जिसे आनन-फानन में मुंबई अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

पूरा मामला

यह पूरा मामला पालघर जिले के वालिव थाना क्षेत्र के सातीवली का है। जहां 8 नवबंर को एक निजी स्कूल के महिला टीचर ने बच्ची को देर से आने पर स्कूल से नहीं बल्कि इस दुनिया से विदा कर दिया। वहीं इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपी महिला टीचर को गिरफ्तार कर लिया है।

लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन

बता दें कि मासूम छात्रा की मौत के बाद स्थानीय निवासियों और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मंगलवार रात टीचर को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग एक्शन में है। वहीं वसई-विरार नगर निगम ने भी इस मामसे की जांच शुरू कर दी है।

मां का आरोप

वहीं अपनी बेटी की मौत के बाद वियोग में पड़ी मां ने आरोप लगाया है कि उसकी बेटी की मौत उसके टीचर द्वारा दी गई “अमानवीय सजा” के परिणामस्वरूप हुई, जिसने उसे स्कूल बैग पीठ पर रखकर उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया था। जो वह बर्दाश्त नहीं कर पाई।

 

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