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8 साल बनाम 70 साल: योगी राज में विकास की उड़ान, विपक्ष के वर्षों पर सवाल

UP Vidhansabha : उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने साढ़े आठ साल के कार्यकाल 2017-2025 की उपलब्धियों का विस्तृत लेखा-जोखा सदन में प्रस्तुत किया. उन्होंने विपक्ष के 70 वर्षों के शासन की तुलना अपने विकास मॉडल से करते हुए कहा कि 1947 से 2017 तक अधूरा नेटवर्क, ठहरा निवेश और उदासीन नीतियां प्रदेश को विकास से कोसों दूर रखती रहीं. मुख्यमंत्री ने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) को जनता की आंखों में धूल झोंकने का खेल बताया और दावा किया कि उनकी सरकार ने असल में इन वर्गों के हित में ठोस कार्य किए हैं.


अधूरा नेटवर्क बनाम इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति

मुख्यमंत्री ने विपक्षी सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि 70 वर्षों में प्रदेश में केवल दो एक्सप्रेसवे बने, राष्ट्रीय राजमार्ग 12,000 किमी से भी कम रहे और ग्रामीण व औद्योगिक कनेक्टिविटी लगभग नगण्य थी. इसके उलट, 2017 के बाद राज्य में एक्सप्रेसवे की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. हवाई अड्डों की संख्या 16 हो चुकी है, जिनमें 5 अंतरराष्ट्रीय हैं. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कार्य अंतिम चरण में है. लॉजिस्टिक हब, मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और एमआरओ नीति जैसे कदमों से प्रदेश राष्ट्रीय विकास की धुरी बन रहा है.


पारंपरिक उद्योगों की पुनर्जीवन यात्रा

सीएम योगी ने आरोप लगाया कि विपक्ष के कार्यकाल में कानपुर जैसे औद्योगिक शहर तबाह हो गए और एमएसएमई क्लस्टर मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए. उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने परंपरागत उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, टेक्नोलॉजी, पैकेजिंग और टूलकिट पर जोर दिया. ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत 77 जीआई टैग वाले उत्पाद वैश्विक पहचान बना रहे हैं. आज उत्तर प्रदेश में पंजीकृत फैक्ट्रियों की संख्या दोगुनी होकर 27,295 हो चुकी है.


निवेश और रोजगार में नया कीर्तिमान

औद्योगिक नीति के अभाव और कानून-व्यवस्था की बदहाली के चलते विपक्ष के शासन में निजी निवेशक उत्तर प्रदेश से कतराते थे. मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये धरातल पर उतरे हैं. इससे 60 लाख से अधिक युवाओं को नौकरियां मिली हैं. MSME नीति-2022 और सिंगल विंडो पोर्टल ने उद्यमियों को त्वरित सुविधा दी है. औद्योगिक ऋण वितरण 2017 में जहां 3.54 लाख करोड़ रुपये था, वह अब 9.24 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.


घरेलू उत्पादन को मिल रहा मौका

विपक्ष के ‘पीडीए’ मॉडल पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने केवल नारेबाजी नहीं की, बल्कि पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक शिल्पकारों के जीवन में बदलाव लाने का काम किया. उन्होंने बताया कि कैसे गांव के मोची, कुम्हार और कारीगरों को टूलकिट, ट्रेनिंग और बाजार से जोड़ा गया. अब त्योहारों पर चीनी उत्पादों की जगह प्रदेश के हस्तशिल्प दिखाई देते हैं. योगी ने कहा, हम हर अतिथि को ओडीओपी उपहार में देते हैं, जबकि विपक्ष विदेशी गुलदस्ते मंगवाता था.


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