
WPI Inflation : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने आज होलसेल प्राइस इंडेक्स यानी डब्ल्यूपीआई (WPI) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, थोक मुद्रास्फीति (WPI Inflation) दिसंबर में बढ़कर 0.73 प्रतिशत हो गई। खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों तथा दालों की कीमतों में तेज उछाल से इसमें बढ़ोतरी हुई।
नवंबर में डब्ल्यूपीआई 0.26 प्रतिशत थी
सनद रहे कि डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक लगातार शून्य से नीचे बनी हुई थी। जबकि, नवंबर में यह 0.26 प्रतिशत थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार, वस्तुओं, मशीनरी तथा उपकरण, विनिर्माण, परिवहन अन्य उपकरण तथा कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक तथा ऑप्टिकल उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि दिसंबर 2023 में थोक मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का कारण रही।
दालों की महंगाई दर 19.60 प्रतिशत थी
खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 9.38 प्रतिशत रही, जो नवंबर में 8.18 प्रतिशत थी। दिसंबर में सब्जियों की महंगाई दर 26.30 प्रतिशत, जबकि दालों की महंगाई दर 19.60 प्रतिशत थी। पिछले सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर के लिए खुदरा या कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर चार महीने के उच्चतम 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई। भारतीय रिज़र्व बैंक ने पिछले महीने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को स्थिर रखा था। इसके साथ ही नवंबर और दिसंबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ने के जोखिमों को चिह्नित किया था।
CPI चार महीने के टॉप पर
पिछले सप्ताह जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर के लिए खुदरा महंगाई दर (CPI) आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर चार महीने के टॉप 5.69 फीसदी पर पहुंच गई। भारतीय रिज़र्व बैंक ने पिछले महीने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को स्थिर रखा था। साथ ही, नवंबर और दिसंबर में खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई दर बढ़ने का रिस्क जाहिर किया था।
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