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Chaitra Navratri के छठें दिन मां कात्यायनी की विधिपूर्ण ऐसे करें पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इन्हें मां दुर्गा का उग्र रूप माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार मां कात्यायनी को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में माता कात्यायनी को छठ मैया के नाम से जाना जाता है। भगवती कात्यायनी देवियों में सबसे सुंदर हैं। मान्यता है कि इस दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से हर काम में सफलता मिलती है। साथ ही शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। जानिए मां कात्यायनी का स्वरूप, पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती।

शुभ मुहूर्त

चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि प्रारंभ- 26 मार्च 2023 को शाम 04 बजकर 32 मिनट

चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि समाप्त- 27 मार्च 2023 को शाम 05 बजकर 27 मिनट

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 35 मिनट से शाम 06 बजकर 58 मिनट तक

पूजा विधि नवरात्रि के छठे दिन सबसे पहले कलश की पूजा करें। इसके बाद मां दुर्गा और उनके स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। पूजा विधि शुरू करने से पहले हाथ में एक फूल लेकर मां का ध्यान करें। इसके बाद मां को भोग लगाएं। फिर माता को कुमकुम, अक्षत, फूल आदि अर्पित करने के बाद सोलह श्रृंगार करें। इसके बाद मां को उनका प्रिय भोग यानी शहद का भोग लगाएं। आप चाहें तो मिठाई आदि का भोग लगा सकते हैं। फिर जल चढ़ाएं और दीपक और धूप जलाकर मां के मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और अंत में आरती कर किसी भी गलती के लिए माता से क्षमा मांगें।

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