
New Delhi : एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने मालदीव और पाकिस्तान सहित हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी गतिविधियों को लेकर सवालों का जवाब दिया। हरि कुमार ने कहा कि महासागरों को एक साझी विरासत मानी जाती है। समुद्र का उपयोग किसी भी देश की वैध आर्थिक आकांक्षाओं के लिए किया जा सकता है।
हरि कुमार ने क्या कहा?
नौसेना प्रमुख हरि कुमार ने कहा कि चीन के पास आर्थिक गतिविधियों को करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद रहने का एक वैध वजह हो सकता है। लेकिन, हिंद महासागर में स्थानीय नौसैनिक शक्ति के रूप में हम इस बात पर नजर रखे हुए हैं कि वहां क्या हो रहा है?
समुद्र में चीन की गतिविधियां कैसी हैं?
हरि कुमार ने कहा कि हम हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद किसी भी देश की निगरानी करते हैं, और हम इसका पता लगाने की कोशिश करते हैं कि समुद्र में चीन की गतिविधियां कैसी हैं? साथ ही, यहां मौजूद देश किन कामों में संलिप्त हैं और उनके इरादे क्या हैं?
निगरानी के लिए जहाज, पनडुब्बियां, विमान आदि तैनात
एडमिरल कुमार ने कहा कि इसको देखते हुए भारतीय नौसेना की तैनाती की जाती है। इसमें निगरानी के लिए जहाज, पनडुब्बियां, विमान, यूएवी आदि तैनात होते हैं। हम अपने क्षेत्र में निगरानी के लिए नियमित रूप से तैनाती करते हैं। हम इस क्षेत्र में होने वाली किसी भी घटना से वाकिफ हैं।
भारत के हित हिंद महासागर क्षेत्र से आगे भी
हरि कुमार ने कहा कि नौसेना का काम किसी भी समुद्री क्षेत्र में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा, संरक्षण और प्रचार को आगे बढ़ाना है। जब आप हिंद-प्रशांत क्षेत्र को देखते हैं, तो भारत के हित हिंद महासागर क्षेत्र और उससे कहीं आगे भी हैं।
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