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संविधान पर चर्चा के दौरान DMK सांसद ए राजा की टिप्पणी पर हंगामा, एनडीए सांसदों ने की माफी की मांग

Lok Sabha : ए राजा ने शनिवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तो देश में आपातकाल लगाकर केवल लोकतंत्र को आघात पहुंचाया, लेकिन इस सरकार ने संविधान की मूल संरचना के सभी तत्वों पर आक्रमण किया है। लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान शनिवार को डीएमके सांसद ए राजा ने सदन में अपनी बात रखी।

इस दौरान ए राजा कुछ ऐसा बोल गए, जिस पर हंगामा हो गया और एनडीए सांसदों ने डीएमके सांसद से माफी की मांग की डीएमके सांसद ने अपने भाषण में सत्ता पक्ष की तरफ इशारा करते हुए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया। इस पर सत्ता पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई और डीएमके सांसद से माफी की मांग की।

एनडीए सांसद नाराज हो गए

हंगामा बढ़ता देख खुद ए राजा ने कहा कि उनके बयान को संसद की कार्यवाही से हटा दिया जाए। इस पर लोकसभा की कार्यवाही का संचालन कर रहे पीठासीन जगदंबिका पाल ने ए राजा की टिप्पणी को संसद की कार्यवाही से हटाने का आदेश दिया। डीएमके सांसद ए राजा ने अपने संबोधन के दौरान ये भी दावा किया कि दो-राष्ट्र सिद्धांत की शुरुआत मुहम्मद अली जिन्ना ने नहीं बल्कि वीर सावरकर ने की थी।

सबूत देने की मांग की

इस पर सदन में एनडीए सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई। ए राजा ने ये भी आरोप लगाया कि बीजेपी के एक नेता ने लोकसभा चुनाव से पहले संविधान बदलने और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की बात कही थी। इस पर एनडीए सांसद नाराज हो गए और ए राजा से अपने दावे के पक्ष में सबूत देने की मांग की। ए राजा ने कहा कि सत्ता पक्ष के नेता बाबासाहेब आंबेडकर और सावरकर को एक साथ रखते हैं, यह कैसे हो सकता है?

केवल लोकतंत्र को आघात पहुंचाया

डीएमके सांसद ए राजा ने शनिवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तो देश में आपातकाल लगाकर केवल लोकतंत्र को आघात पहुंचाया, लेकिन इस सरकार ने संविधान की मूल संरचना के सभी तत्वों पर आक्रमण किया है। ए राजा ने कहा कि सत्ता पक्ष कांग्रेस पर संविधान में कई संशोधन करने का आरोप लगाता है, लेकिन उसके समय संविधान की मूल संरचना के साथ तो छेड़छाड़ नहीं की गई। ए राजा ने कहा कि ‘1973 के केशवानंद भारती मामले में उच्चतम न्यायालय ने एक ऐतिहासिक निर्णय में संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत को प्रतिपादित किया था, जिसके अनुसार संविधान के छह तत्व हैं-लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, कानून का शासन, समानता, संघीय ढांचा और स्वतंत्र न्यायपालिका।

संघीय ढांचा और स्वतंत्र न्यायपालिका

सांसद ए राजा ने कहा, ‘आप इन 6 तत्वों को छू नहीं सकते।’ ए राजा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मीसा कानून आपातकाल के समय में केवल लोकतंत्र पर हमला हुआ था और उसे पूरी तरह दफन कर दिया गया था, लेकिन आपके शासन में सभी 6 तत्वों- लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, कानून का शासन, समानता, संघीय ढांचा और स्वतंत्र न्यायपालिका, सबकुछ चले गए।
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