
UP NEWS: उत्तर प्रदेश उपचुनाव के नतीजे से सपा बीजेपी को कई सबक मिले। करहल-कुंदरकी से बीजेपी का कॉन्फिडेंस बढ़ा। तो तीन अन्य सीटों ने योगी की टेंशन बढ़ा दी है।
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम ने सपा और बीजेपी को कई सबक सिखा गए। करहल और कुंदरकी में बीजेपी जहां वोटबैंक बढ़ाने में कामयाब रही, वहीं गाजियाबाद और मझवां में जीत दोहराने के बावजूद घटे वोटबैंक ने उसके लिए चुनौती बढ़ा दी है। वही दूसरी ओर सपा भले ही करहल और सीसामऊ सीट बचाने में कामयाब रही हो, लेकिन घटा वोटबैंक उसके लिए भी खतरे की घंटी है।
वोट घटने का सिलसिला जारी
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 150205 वोट मिले थे, सपा को 44688 और कांग्रेस को 11818 वोट मिले थे। बीते लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी का वोट घटकर 137206 पर पहुंच गया, कांग्रेस ने बढ़त के साथ 73950 वोट हासिल किए थे। उपचुनाव में भी बीजेपी का वोट घटने का सिलसिला जारी रहा और उसे 96946 मत मिले। सपा को सिर्फ 27595 वोट मिले। इसकी बड़ी वजह दलों में उत्साह की कमी मानी जा रही है।
यादव वोटबैंक में सेंधमारी
करहल में साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान सपा को 148196 वोट और भाजपा को 80692 वोट मिले थे। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद लोकसभा के उपचुनाव में सपा को 140578 और बीजेपी को 65116 वोट मिले थे। बीते लोकसभा चुनाव में सपा का वोट घटकर 134049 पर पहुंच गया और बीजेपी को 75509 वोट मिले। उपचुनाव में सपा गढ़ बचाने में कामयाब रही, लेकिन उसका वोट घटकर 104304 रह गया। वहीं, बीजेपी ने बढ़त के साथ 89579 मत हासिल किए। इसकी बड़ी वजह यादव वोटबैंक में सेंधमारी मानी जा रही है।
कटेहरी में साल 2022 के चुनाव में सपा को 93524 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी-निषाद पार्टी को 85824 मत मिले। बीते लोकसभा चुनाव में सपा को बीजेपी से करीब 17 हजार वोट ज्यादा मिले थे। उपचुनाव में बीजेपी का वोट बढ़कर 104091 पर पहुंच गया तो सपा घटकर 69577 पर सिमट गई। इसकी मूल वजह सपा के अंदरखाने सामंजस्य न होना और निषाद वोटों की लामबंदी मानी जा रही है।
बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी को 110137 और सपा को 99553 वोट मिले थे। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 103557 और सपा को 100825 वोट मिले। वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी का वोट बैंक घटकर 89650 पर पहुंच गया जबकि सपा को 107510 वोट मिले। पर, उपचुनाव में बीजेपी का वोट घट कर 78289 पर पहुंच गया और सपा सिर्फ 66984 वोट हासिल कर पाई। यहां दोनों दलों का वोट गिरा है, लेकिन बीजेपी कमल खिलाने में कामयाब रही।
खैर विधानसभा क्षेत्र में साल 2022 के चुनाव में बीजेपी को 139643 और सपा-रालोद गठबंधन को 41644 वोट मिले थे। बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 94205 और सपा को 95606 वोट मिले थे। उपचुनाव में बीजेपी-रालोद एक साथ थे। बीजेपी-रालोद गठबंधन को 100181 वोट मिले, जबकि सपा घटकर 61788 तक ही पहुंची। इसकी मूल वजह जाट वोटों की लामबंदी बताई जा रही है।
बीजेपी ने पहली बार जीत दर्ज की
कुंदरकी में विधानसभा चुनाव 2022 में सपा को 125792 और बीजेपी को 82630 वोट मिले थे। लोकसभा चुनाव में सपा को 143415 और बीजेपी को 86371 वोट मिले थे। पर, उपचुनाव में बीजेपी ने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए यहां 168526 वोट हासिल किया और सपा 25334 वोट पर सिमट गई। यहां से बीजेपी ने पहली बार जीत दर्ज की है।
सियासी परीक्षा में पास
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मीरापुर में रालोद को 107421 वोट मिले थे। उस वक्त रालोद सपा के साथ थी। बीजेपी को 80041 वोट मिले थे। साल 2024 में सियासी समीकरण बदले और रालोद सपा का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ आ गई। पर, लोकसभा चुनाव में उसका वोट गिरकर 73320 पर पहुंच गया, जबकि सपा को 63351 वोट मिले। उपचुनाव में रालोद-बीजेपी बढ़त के साथ 84304 वोट हासिल किए और सपा को सिर्फ 53508 वोट मिले। यहां वोट घटने के बाद भी जयंत चौधरी परिवार सियासी परीक्षा में पास हो गया।
मझवां में वर्ष 2022 के दौरान निषाद पार्टी और बीजेपी को 103235 और सपा को 69648 वोट मिले थे। 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 94061 और सपा को 92299 मिले। उपचुनाव में बीजेपी और सपा दोनों के वोट घटे हैं। बीजेपी को यहां 77737 तो सपा को 72815 वोट मिले हैं। कांटे के मुकाबले में बीजेपी का मान-मनौव्वल का फॉर्मूला कारगर रहा।
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